भारत में पहले कोरोना वायरस के दौरान मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए पीएम केयर्स फंड में बड़े-बड़े सेलिब्रिटी से लेकर आम जनता ने अपनी हैसियत के मुताबिक दान दिया।
अब खबर सामने आ रही है कि पीएम केयर्स फंड में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष यानी कि एनडीआरएफ में ट्रांसफर किए जाने का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था सीधे एनडीआरएफ में रकम दान कर सकता है। लिहाजा पीएम केयर्स फंड की रकम को एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की कोई जरूरत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एनडीआरएफ में योगदान करने के लिए किसी भी शख्स और कंपनी के लिए कोई वैधानिक बाधा नहीं है। सरकार पीएम केयर्स फंड की राशि को उचित जगह ट्रांसफर करने के लिए स्वतंत्र है क्योंकि यह दोनों फंड बिल्कुल अलग है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पीएम केयर्स फंड को लेकर उठ रहे सवालों को और बल मिल गया है। पूर्व कांग्रेस आईटी सेल कांग्रेस चीफ दिव्या स्पंदना ने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के फैसले को लेकर किए गए ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, “ये एकदम साफ है- दाल में ज़रूर कुछ काला है”।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई कर सुनाया है। यह सुनवाई 17 जून को पूरी हो चुकी थी और कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल इस याचिका में कोरोना काल के दौरान पीएम केयर्स फंड में जमा हुए पैसे को एनडीआरएफ फंड में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड के बनाए जाने का बचाव किया था।
केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा गया था कि पीएम केयर फंड बनाने पर रोक नहीं है। पीएम केयर्स फंड का पैसा NDRF में ट्रांसफर करने की मांग सुनवाई योग्य नहीं है। केंद्र सरकार ने इस मामले में दायर जनहित याचिका खारिज करने की मांग की थी।