झारखंड में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो गया है। शुक्रवार शाम को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि, झारखंड में 81 सीटों के लिए पांच चरणों में मतदान किया जाएगा। चुनाव के नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे।
पहले चरण के मतदान 30 नवंबर को होगा। इसके बाद लम्बे अन्तराल के बाद 7 दिसंबर को दूसरे, 12 दिसंबर को तीसरे, 16 दिसंबर को चौथे और 20 दिसंबर को पांचवें चरण के मतदान डाले जाएंगे।
पहले चरण में 13, दूसरे चरण में 20, तीसरे चरण में 17, चौथे चरण में 15 और पांचवें चरण में 16 सीटों पर मतदान होगा।
Chief Election Commissioner, Sunil Arora: Phase-1: Polls on 30 November, phase 2: Polls on 7 December, phase 3: Polls on 12 December, phase 4: Polls on 16th December, phase 5: Polls on 20th December, and counting on 23rd December. https://t.co/ZI432DMXdo pic.twitter.com/AhZiX4TAw3
— ANI (@ANI) November 1, 2019
चुनाव आयोग ने झारखंड में पांच चरण में मतदान डाले जाएंगे का ऐलान किया। झारखंड आदिवासी बाहुल्य राज्य है, जोकि नक्सल प्रभावित रहा है। मगर, सवाल यहां उठता है कि, केंद्र की मोदी सरकार पूरे देश में नाक्सलवाद के खात्मे का ऐलान कर चुकी है। फिर झारखंड में महज 81 विधानसभा सीटों के लिए पांच चरण में चुनाव क्यों करवाए जा रहे हैं?
जबकि अभी हाल में संपन्न हरियाणा की 90 और महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव एक ही चरण में चुनाव आयोग ने करवा दिया था। फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के बाद नक्सली ख़त्म हो जाएंगे।
बता दें कि मौजूदा झारखंड विधानसभा में बीजेपी की 37 सीटें हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा की 19, कांग्रेस की 6 और एजेएसयू की 5 सीटें हैं। जबकि अन्य के पास 14 सीटें हैं। रघुबर दास झारखंड के मुख्यमंत्री हैं।