लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई। इस घटना के बाद से पत्रकार लापता था। स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप की मौत का मामला सामने आया है, जो निघासन क्षेत्र के रहने वाले थे।

निघासन हत्या स्थल से लगभग 30 किमी दूर है। रमन किसानों के विरोध को कवर करने के लिए सुबह-सुबह घर से निकले औऱ कभी वापस लौट कर नहीं आए।

लापता रमन की मौत की खबर लखीमपुर खीरी जिला अस्पताल के मुर्दाघर से रात करीब 10 बजे उसके घर पहुंची।

उनके घर वालों को बताया गया कि लापता पत्रकार का शव बरामद हुआ है। पत्रकार रमन कश्यप की मौत का मामला सामने आने पर पत्रकार के परिजनों ने शव रखकर निघासन चौराहे पर जाम लगाया।

परिजनों की मांग है कि दोषियों पर कार्रवाई हो और उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जाए।

वहीं रमन के पिता राम कश्यप ने भाजपा मंत्री के बेटे पर आरोप लगाते हुए एसडीएम निघासन ओपी गुप्ता को अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि मेरा बेटा एक पत्रकार था और उसकी हत्या भाजपा मंत्री के बेटे और उसके सहयोगियों ने की थी।

रमन के पिता एक वीडियो में बोलते हुए देखते हैं जिसमें वो दावा करते हैं कि बेटे की मौत गाड़ी से कुचलने से हुई है, शरीर पर लाठी-डंडे से चोट के निशान नहीं है, बल्कि घसीटने, रगड़ के निशान हैं, जो गाड़ी के हैं।

इसके साथ ही रमन के पिता ने बहू को नौकरी और बच्चों के लिए मुआवजे की मांग है।

बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच सहमति बन गई है।

मृतकों के आश्रितों को नौकरी और 45 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा प्रशासन की ओर से यह भी आश्वासन दिया गया है कि 8 दिन में आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और घटना की न्यायिक जांच होगी।

लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ प्रर्दशन किया। वहीं लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के परिवार से मिलने जाते वक्त अखिलेश यादव कांग्रेस और महासचिव प्रियंका गांधी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया गया। इन गिरफ्तारी के बाद से कार्यकर्ताओं ने सरकार का जमकर विरोध किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here