अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा किए के बाद कई देशों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कहा जा रहा है कि तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन है।
जिस तरह से कुछ ही हफ्तों के अंदर तालिबान ने सैन्य अभियान चला कर अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा किया है। उसने दुनियाभर के सुरक्षा और कूटनीति मामलों के विशेषज्ञों की चिंता बढ़ाने का काम किया है।
दरअसल अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत को सबसे ज्यादा चिंता व्यापार को लेकर सता रही है। क्योंकि तालिबान ने भारत के साथ सीमा पार व्यापार बंद करने का ऐलान किया है।
इस मामले में मोदी सरकार ने अभी तक कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन भाजपा नेताओं की विवादित बयान बाजी शुरू हो चुकी है।
इस मामले में पूर्व आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि
‘तालिबान पर भारत सरकार अपना रूख स्पष्ट क्यूँ नहीं करती? अब हर संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर गायब हो जाना क्या इस देश की परंपरा हो गयी है? अफगानिस्तान पर खुद चुप रहेंगे, बोलेंगे नहीं और देश को तालिबान के नाम पर भड़काते रहेंगे?
तालिबान पर भारत सरकार अपना रूख स्पष्ट क्यूँ नहीं करती? अब हर संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर गायब हो जाना क्या इस देश की परंपरा हो गयी है?
अफगनिस्तान पर खुद चुप रहेंगे, बोलेंगे नहीं और देश को तालीबान के नाम पर भड़काते रहेंगे?
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) August 20, 2021
दरअसल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों में अफगानिस्तान में घटी घटनाओं पर अभी तक चुप्पी साधी हुई है।
माना जा रहा है कि भारत सरकार को आने वाले चुनावों के लिए एक नया मुद्दा मिल गया है। हिंदू मुस्लिम पर राजनीति करने वाले भाजपा के नेता अब तालिबान और पाकिस्तान को चुनावी मुद्दा बनाकर फायदा लेंगे।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक सिर्फ अफ़गानिस्तान के हिंदू और सिख नागरिकों को भारत में शरण देने का ऐलान किया है।
इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को भारत में शरण लेने की इच्छा रख रहे अफगान नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।