
राफेल डील पर मोदी सरकार कटघरे में है। डील को लेकर अंबानी को समर्थन देने का आरोप लग रहा है मगर रक्षा मंत्री समेत सभी बीजेपी नेताओं का कहना है कि राफेल डील पर झूठ फ़ैलाने की कोशिश की जा रही है।
इस डील में गड़बड़ी के कई आरोप लगे है उनमें अनिल अंबानी को ठेका देना हो और यूपीए सरकार की डील को रद्द कर नई डील करना जैसे आरोप शामिल हैं।
अब इस मामले पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मोदी सरकार पर जांच न करवाने पर शक ज़ाहिर किया है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि देशवासी राफेल डील को शक की निगाह से देख रहे हैं और विपक्ष जेपीसी (संयुक्त संसदीय कमेटी) से जांच करवाने की मांग कर रही है मगर मोदी सरकार इसके तैयार नहीं है इससे पता लगता है कि दाल में कुछ काला है।
The people of the country are suspicious of the #Rafale deal, the opposition and various groups are demanding a joint parliamentary committee but Modi government isn’t ready for it. Isse pata lagta hai daal mai kuchh kaala hai: Former PM Manmohan Singh pic.twitter.com/f71OIEKl5y
— ANI (@ANI) November 21, 2018
गौरतलब हो कि राफेल डील पर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल जेपीसी से जांच करने के बात कर रहें है मगर मोदी सरकार राफेल डील के लिए किसी भी तरह की जांच नहीं करवाना चाहती है, क्योंकि सरकार के मुताबिक उसने कुछ गलत नहीं किया है।
मगर फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा फ्रांस्वा ओलांद ने ‘मीडियापार्ट’ (फ़्रांस के न्यूज़ संगठन) से एक इंटरव्यू में कहा कि भारत की सरकार ने जिस सर्विस ग्रुप का नाम दिया, उससे दसौल्ट ने बातचीत की।
भारत सरकार ने उन्हें अनिल अंबानी की रिलायंस का नाम सुझाया था और तब दैसौं ने अनिल अंबानी से संपर्क किया। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। हमें जो विकल्प दिया गया हमने स्वीकार किया।
बता दें कि राफेल डील पर कांग्रेस और विपक्ष कई दिनों से सवाल उठा रहें है। मोदी सरकार पर विपक्षियों ने आरोप लगाया है कि हर विमान को करीब 1670 करोड़ रुपये खरीद रही है जबकि यूपीए सरकार में 526 करोड़ की दर से 126 राफेल विमानों के खरीद की डील हुई है।