पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन से पीएम मोदी के सिंहासन पर खतरा मंडराने लगा है।

किसान इस बार भाजपा के किसी भी तोल-मोल के बहकावे में आने को तैयार नहीं है। राज्य स्तर पर शुरू हुआ ये किसान आंदोलन अब राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है।

इसी खबर सामने आई है कि हरियाणा की खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खबर के मुताबिक, हरियाणा के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया है।

इस संदर्भ में उनके इस्तीफे की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें उन्होंने लिखा है कि मैं किसान विरोधी और किसान भाइयों पर जुल्म करने वाली सरकार का साथ नहीं दे सकता।

इसलिए चरखी दादरी हरियाणा से मैं अपना समर्थन वापस ले रहा हूं इसलिए तुरंत प्रभाव से मेरा समर्थन वापस समझा जाए।

विधायक सोमवीर सांगवान ने किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा के खाप की पंचायत के बाद दिल्ली कूच करने का फैसला लिया है।

इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार द्वारा लाए गए गए कृषि कानूनों के खिलाफ हमला बोला और किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के लिए सरकार के रवैया की भी जमकर निंदा की।

विधायक सोमवीर सांगवान का कहना है कि वह किसानों के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। भाईचारे को कायम रखने के लिए वह हमेशा तैयार रहे हैं। उनका कहना है कि मुझे किसी भी राजनीतिक पद का लालच नहीं है।

गौरतलब है कि हरियाणा के खापों में भी किसान आंदोलन में शामिल होने का फैसला लिया है। राज्य की 130 खापों ने किसानों को समर्थन देने का ऐलान किया है। जोकि मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोलेंगे।

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