ips abdur rahman
IPS Officer Abdur Rahman Resigns as CAB passed in Rajya Sabha

नागरिकता संशोधन बिल (CAB) दोनों सदनों से पास हो गया है। इसपर विरोध दर्ज करते हुए महाराष्ट्र में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी अब्दुर्रहमान ने अपने पद इस्तीफा दे दिया है।

अब्दुर्रहमान मुंबई में महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग में पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी थे। वह 21 साल से राज्य में सेवा दे रहे थे। उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी ट्विटर के ज़रिए दी। उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक को संविधान के मूल ढाँचे के ख़िलाफ़ बताते हुए कहा कि वह गुरुवार यानी आज से कार्यालय नहीं जाएंगे।

अब्दुर्रहमान ने कहा, “यह विधेयक भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ है। मैं सभी इंसाफ़पसंद लोगों से अपील करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विधेयक का विरोध करें। यह संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है।”

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इस्तीफे के बाद एबीपी से बात करते हुए कहा अब्दुर्रहमान ने कहा कि उन्होंने निश्चित तौर पर अपना इस्तीफा CAB के विरोध में दिया है। उन्होंने कहा कि ये बिल सीधे तौर पर संविधान और मुसलमानों के खिलाफ़ है। उन्होंने कहा कि संसद में भले ही सरकार ये दावा कर रही हो कि बिल मुस्लिम विरोधी नहीं है। लेकिन सिर्फ कहने काम नहीं चलेगा। सरकार के चाहिए कि वह बिल में मुस्लिमों के हक़ की बात भी जोड़े।

अब्दुर्रहमान के इस्तीफे के बाद ये बात भी कही जा रही है कि उनके खिलाफ़ एक मामले में विभागीय जांच चल रही है। जिससे बचने के लिए ही उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने उन्होंने इन दावों को ग़लत बताया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ़ कोई विभागीय जांच नहीं चल रही।

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अपने ट्वीट में ही उन्होंने इस बात की जानकारी देते हुए लिखा, “मैंने वीआरएस के लिए एक अगस्त 2019 को आवेदन किया था। 25 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को मेरे वीआरएस की सिफारिश भेजी थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने स्वीकार नहीं किया”।

ग़ौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस बिल को पारित कर दिया। सदन ने बिल को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इससे पहले सोमवार को लोकसभा में ये बिल 311-80 के बहुमत से पास हो गया था।

बिल भले ही दोनों सदनों से पास हो गया हो लेकिन इसका विरोध व्यापक तौर पर देखने को मिल रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों में तो इस बिल को लेकर बवाल की स्थिति बनी हुई है। इन राज्यों में बिल के खिलाफ़ इस स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं कि इसे रोकने के लिए आर्मी को तैनात किया गया है।

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