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पूर्व मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली। गोगोई जब पद की शपथ ले रहे थे, इस दौरान संसद में शेम-शेम के नारे लग रहे थे। शेम-शेम के नारे कांग्रेस के सदस्यों सहित अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने लगाए।

विपक्ष का मानना है कि रंजन गोगोई की नियुक्ति न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला है। क्योंकि सभी का मानना है कि गोगोई ने मुख्य न्यायधीश रहते हुए मोदी सरकार के पक्ष में फैसले सुनाये इसीलिए उन्हें राज्यसभा भेजा गया है।

वहीं रंजन गोगोई ने शपथ लेने पर कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा- ‘पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई का जो शपथ ग्रहण हुआ है उसने आज इस देश की कानूनी प्रक्रिया पर ग्रहण लगाने का काम किया है। जिस प्रकार रंजन गोगोई और भाजपा ने देश की न्यायिक व्यवस्था और निष्पक्षता पर बुल्डोजर चलाया है विपक्षी दलों का वॉक आउट उसके विरोध में है।’

बता दे कि रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजे जाने पर उनके सहयोगी रहे न्यायधीश भी सवालिया निशान उठा रहे हैं। राज्यसभा भेजे जाने पर सवाल इसीलिए उठाया गया था कि गोगोई द्वारा राफेल विमान मामलों और अयोध्या पर सुनाये फैसले हैं।

इसपर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश कुरियन जोसेफ ने कहा कि, भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायधीश द्वारा राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामांकन की स्वीकृति ने निश्चित रूप से न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आम आदम्मी के विश्वास को हिला कर रख दिया है। जस्टिस गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर नेक सिद्दांतों से समझौता किया है।

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