लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती क्या है? इस सवाल के तो कई जवाब हो सकते है। मगर उनमें से एक जवाब भागीदारी का है। जो सविंधान हमें सड़क से लेकर संसद और विश्वविद्यालयों में देता है। ऐसे ही अधिकारों में शामिल है देश के सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में किसी गरीब घर के शख्स का दाखिला हो जाना।

जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में राजमल मीना नाम के एक शख्स जो पिछले 5 साल से एक गार्ड के रूप में काम कर रहे थे। वो अब उसी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट बनने जा रहें है। शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जो पहली नज़र में ही ऐसी ख़बर पर राजमल मीना की तारीफ ना करें।

क्योंकि उन्होंने BA Russian (Hons) के कोर्स के लिए ना सिर्फ एंट्रेंस एग्‍जाम दिया बल्कि उसे क्रैक भी कर लिया। यूनिवर्सिटी में गार्ड से स्टूडेंट बनने जा रहे ‘राजमल मीना’ की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। कोई उनके संघर्ष को सलाम कर रहा तो कोई उन्हें प्ररेणाश्रोत बता रहा है।

मीना राजस्थान के रहने वाले है उनके पिता खुद एक दिहाड़ी मजदूर रहे है। राजस्थान में मीणा ने घर की मज़बूरी के कारण और कॉलेज के 28-30 किलोमीटर दूर होने के चलते पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद वो पिता का हाथ बंटाने में लग गए मगर पढ़ने की भूख उनमें ख़त्म नहीं हुई।

मीणा ने पिछले ही साल राजस्‍थान यूनिवर्सिटी से डिस्‍टेंट लर्निंग की मदद से पॉलिटिकल साइंस, हिस्‍ट्री तथा हिंदी सब्‍जेक्‍ट्स में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है। इसके बाद वो जेएनयू के माहौल को देखकर खुद को पढ़ाई से दूर नहीं रख पाए। उन्होंने जेएनयू में एडमिशन लेने की ठान ली।

अपनी ड्यूटी के दौरान वो पढ़ते भी रहे और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों से लगातार नोट्स भी लेते रहें है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी तैयारी न्‍यूजपेपर और मोबाइल ऐप्‍प की मदद पूरी की। इसके बाद जो हुआ वो जेएनयू के लिए इतिहास है, उन्हें एडमिशन मिला।

मगर अब भी परेशानी ये है की 34 साल मीणा के तीन बच्ची है परिवार है जिसका खर्च उठाना उनकी उनकी प्राथमिकता है। ऐसे में उन्हें ड्यूटी और नौकरी में से किसी एक को चुनना होगा ऐसे में यूनिवर्सिटी के चीफ सिक्‍योरिटी ऑफिसर नवीन यादव ने कहा है कि मीना की हर संभव मदद की जाएगी।

राजस्थान से आने वाले मीणा की तारीफ करते हुए खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर शुभकामना दी है। उन्होंने लिखा- मेरी दिली शुभकामनाएं राजस्थान के राजकुमार मीणा को जेएनयू एंट्रेंस पास करने पर। वो भी उसी यूनिवर्सिटी में जहां वो खुद एक सुरक्षाकर्मी है। गहलोत ने कहा कि ये बड़ी उपलब्धि है और साथ ही कड़ी मेहनत और नतीजा है, उसके कैरियर के लिए मेरी शुभकामना।

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