उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता हत्याकांड को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन सवालों के कटघरे में है। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मनीष गुप्ता की हत्या को लेकर जो भी लीपापोती की जा रही थी। उसका सच पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोल दिया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि मनीष गुप्ता के सिर, चेहरे और शरीर पर एक गंभीर चोटों के निशान हैं। उनके सिर पर किसी भारी भरकम चीज से मारा गया।

जिससे उनके नाक से खून निकला। जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा इस घटना को एक हादसा बताया जा रहा था।

इस घटना के बाद पुलिस ने अपने पहले बयान में यह कहा था कि मनीष गुप्ता की मौत एक हादसे में हुई है।

इस मामले में पत्रकार रोहिणी सिंह ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि “मनीष है तो परिवार का संघर्ष देखिए, उसकी पीड़ा देखिए, मोहसिन होता तो कब का आतंकी घोषित कर, विदेशी फंडिंग और साज़िश बता कर, घर से दो कुकर ज़ब्त कर इस हत्या को सही साबित कर देते।

ना मीडिया उस परिवार का साथ देता, जा जनता। गोरखपुर कांड एक सबक है, पुलिस के बयान पर अंधा विश्वास न करें।”

 

दरअसल मनीष गुप्ता हत्याकांड में परिवार द्वारा दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की जा रही है। ये ऐसा पहला मामला नहीं है।

जब यूपी पुलिस की ऐसी शर्मनाक करतूतें सामने आ चुकी हैं। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस फर्जी एनकाउंटर के मामले में भी कई बार विवादों में आ चुकी है।

जब से सोशल मीडिया पर मनीष गुप्ता की पत्नी न्याय की गुहार लगाते हुए एक वीडियो सन्देश शेयर किया गया है। तब से ही सोशल मीडिया पर यह मुद्दा काफी गरमाया हुआ है।

इसके अलावा सोशल मीडिया पर यह चर्चा चल रही है कि अगर मनीष गुप्ता की जगह किसी मुसलमान के साथ ऐसा हुआ होता।

तो यह खबर ना तो मीडिया दिखाती और ना ही उत्तर प्रदेश पुलिस पर कार्रवाई किए जाने की मांग उठती।

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