पश्चिम बंगाल के साथ-साथ तमिलनाडु और केरल में भी भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। केरल में एक बार फिर लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सत्ता में वापसी की है।

इस विधानसभा चुनाव में एनडीए को 99 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वही यूडीएफ को 40 सीटों पर जीत मिली है।

हैरानी जनक बात यह है कि केरल में एनडीए को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई है। बता दें, केरल में 140 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुआ था।

दरअसल केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु तीनों ऐसे राज्य थे। जहां भारतीय जनता पार्टी को जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। लेकिन इसके बावजूद भाजपा जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई।

इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन ने एलडीएफ की जीत को राज्य की जनता को समर्पित किया है।

केरल में एलडीएफ की जीत पर मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन ने कहा है कि हमारे राज्य में सांप्रदायिक राजनीति की कोई जगह नहीं है।

भाजपा को केरल की इस खासियत को समझने की जरूरत है। क्योंकि यहां के लोग सांप्रदायिक और विभाजन कारी राजनीति को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते। जोकि विधानसभा नतीजों में जाहिर हो गया है।

हमारे राज्य में सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं है। एलडीएफ की सरकार ने केरल में हमेशा धार्मिक एकता और सद्भाव को महत्व दिया है। लोगों को इसी वजह से हमारी सरकार पर यकीन है।

भारतीय जनता पार्टी के कई नेता केरल में सरकार बनाने का दावा कर रहे थे। उनके इस दावे पर मैंने उस वक्त भी कहा था कि भाजपा की मौजूदा सीट भी इस बार उनके पास नहीं रहेगी। जो कि सच साबित हुआ है।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल और केरल में भाजपा की हार को लेकर पार्टी की काफी किरकिरी हो रही है। खासतौर पर केरल में भाजपा को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई है। इस पर विपक्षी दलों के कई नेता खूब चुटकी ले रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here