बीते हफ्ते से हरियाणा के बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर खट्टर सरकार ने जिस तरह की क्रूर कार्रवाई की है। उसका नतीजा अब गंभीर होने वाला है।

बीते दिन हरियाणा सरकार के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

इसी बीच खबर सामने आई है कि खट्टर सरकार की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। क्योंकि अब राज्य के जींद में 40 खाप पंचायतों की एक महापंचायत हुई है।

जिसमें यह फैसला लिया गया है कि वह खट्टर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। यहाँ तक कि खट्टर सरकार के गिरने के आसार भी बन सकते हैं।

बताया जा रहा है कि इस महापंचायत के बाद 40 खाप पंचायतों के नेताओं ने यह तय किया है कि जिन विधायकों ने खट्टर सरकार को समर्थन दिया है। वह उनसे अपना समर्थन वापस लेने की अपील करेंगे। अगर विधायकों ने उनकी बात नहीं मानी तो वह गाँवों में उनकी एंट्री पर बैन लगा देंगे। उनका कहना है कि विधायकों पर समर्थन वापिस लेने के लिए हर तरह से दबाब बनाया जाएगा।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान कर दिया है कि किसानों के समर्थन में खाप के लोग भाजपा का विरोध करने के लिए दिल्ली को कूच करेंगे।

खट्टर सरकार से अपना समर्थन वापस ले चुके विधायक सोमवीर सांगवान के नेतृत्व में चरखी दादरी से हजारों की संख्या में गांव के किसान ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर दिल्ली पहुंचेंगे।

माना जा रहा है कि खाप पंचायतों का समर्थन मिलने के बाद अब यह किसान आंदोलन और भी मजबूत हो जाएगा।

आपको बता दें कि 3 महीने पहले मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब से किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था।

यह आंदोलन हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी फैल चुका है। अब मध्य प्रदेश के किसानों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है।

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