चुनाव आयोग का डंडा यूपी के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर चला है। अब ये दोनों कोई चुनावी सभा नहीं कर पाएंगे, ना कोई टीवी इंटरव्यू दे पाएंगे और ना कोई राजनीतिक ट्वीट नहीं कर पाएंगे साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे कोई रोड शो नहीं कर पाएंगे। इस बार के चुनाव ये पहली बार है जब आयोग ने बड़े नेताओं पर एक्शन लिया है।

दरअसल सीएम योगी पर चुनाव आयोग ने जहां 72 घंटे यानी कि तीन दिनों का बैन लगा दिया है। वहीं मायावती पर 2 दिनों का यानी की 48 घंटों पर बैन लगा दिया। आयोग का ये बैन मंगलवार सुबह 6 बजे से लागू हो जायेगा।

बता दे कि सीएम योगी ने केरल के वायनाड में जब राहुल गांधी के रोड शो में मुस्लिम लीग के झंडे दिखाई जाने पर ट्विटर के जरिए ही मुस्लिम लीग के हरे झंडों को देश के लिए वायरस बताया था, इसके बाद मुस्लिम लीग के नेताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। साथ ही मुख्‍यमंत्री योगी ने ‘बजरंग बली और अली’ का जिक्र कर मायावती पर निशाना साधा था।

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वहीं मायावती पर ने पिछले दिनों देवबंद में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की एक रैली में मायावती ने कहा था कि मुस्लिम मतदाताओं को भावनाओं में बहकर अपने मतों को बंटने नहीं देना है।

अब सवाल ये उठता है कि जो एक्शन सीएम योगी और मायावती के खिलाफ लिया गया। क्या वैसा ही एक्शन प्रधानमंत्री मोदी पर लिया जा सकता है? क्योंकि पीएम मोदी भी लगातार चुनाव आयोग की नसीहत को नज़रअंदाज़ करते हुए लगातार बालाकोट और एयरस्ट्राइक के नाम पर वोट मांग रहें है। एक बार तो क्या वो हर चुनावी जनसभा में आचार संहिता का उल्‍लंघन करते हुए नज़र आ रहें है।

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बता दें कि ये कोई पहले बार नहीं जब चुनाव आयोग ने ऐसा सख्त एक्शन लिया हो। इससे पहले चुनाव आयोग ने साल 2014 में भड़काऊ भाषण देने के मामले में उस वक्त यूपी के बीजेपी प्रभारी रहे अमित शाह के चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी थी। हालांकि, शाह के शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के वादे के बाद यह रोक हटा ली गई थी।

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