‘लगता है कानून के हाथ छोटे ही नहीं बल्कि गायब होते जा रहे हैं’ जहां एक तरफ सरकार यह दावा करते नहीं थकती कि भ्रष्टाचार शून्य है तो वहीं दूसरी तरफ जंतर मंतर पर अभद्रता फैलाने वाले अश्विनी उपाध्याय को 24 घंटे के अंदर रिहा कर दिया जाता है, अब आप यह बताइए कि यह कौन सा कानून है? क्या यह सरासर कानून का मजाक बनाना नहीं है।
दरअसल आपको बता दें मुस्लिम विरोधी नारे लगाने के मामले में गिरफ्तार वकील अश्विनी उपाध्याय को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है।
जहां social media पर अश्वनी उपाध्याय की रिहाई पर घमासान शुरू हो गया है तो वहीं टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने ट्विटर पर लिखा है
‘मुस्लिम कॉमेडियन मजाक के लिए 35 दिन जेल में बिताता है जिसे वो पूरा नहीं कर पाया था। मुस्लिम पत्रकार अभी भी जेल में हैं, जिसकी कहानी अभी बाकी थी।
फिर भी भाजपा प्रवक्ता को अभद्र भाषा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए 24 घंटे के भीतर जमानत मिलती है। क्या मैं अकेली हूँ जो सोचती हूं कि यह उन्मादी है?’
Muslim comedian spends 35 days in jail for joke he was yet to crack.
Muslim journo still in jail for story he was yet to file.Yet BJP spokesperson gets bail under 24 hrs for organising hate speech event.
Am I only one who thinks this is insane?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 11, 2021
दरअसल महुआ मोइत्रा इससे पहले भी जंतर-मंतर पर एक धर्म विशेष के खिलाफ हुई अभद्रता भरे भड़काऊ भाषण के खिलाफ आवाज उठा चुकी है।
आपको बता दें इससे पहले कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पूरा मामला 8 अगस्त का है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एक धर्म विशेष के खिलाफ नारेबाजी करने का आरोप लगा है।
कार्यक्रम के दौरान अश्विनी उपाध्याय समेत 4 आरोपियों को अदालत ने 2 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। जबकि 2 अन्य आरोपियों को एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया था।
गौर करने वाली बात है कि इन सभी आरोपियों के काम को करीब से देखने के बाद सामने आता है कि द्वारका में हज हाउस के बाहर प्रस्तावित प्रदर्शन हो या पटपड़गंज में मजार के पास।
सभी लोग किसी न किसी तरह मिलकर काम करते पाए गए हैं। जो छह लोग गिरफ्तार हुए थे, उनमें दीपक सिंह हिंदू और आजाद विनोद शर्मा न सिर्फ सोशल मीडिया पर समन्वित अभियान चलाकर लोगों को इस तरह की भीड़ में जुटाने का काम करते हैं, बल्कि इन कार्यक्रमों को अपने यूट्यूब चैनल ‘मिशन साइबरसिपाही’ पर भी प्रसारित करते हैं।
यूट्यूब पर अपने चैनल को इन्होंने एक जैसी राष्ट्रवादी सोच रखने वालों का प्लेटफॉर्म करार दिया है और इसी के जरिए अपने ‘मिशन’ के लिए फंड जुटाने का लक्ष्य भी रखा है।