केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार द्वारा देश के विकास के कई बड़े दावे किए जाते रहे हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने इन सभी दावों की सच्चाई लोगों के सामने लाकर रख दी है।

भारत को एक विकसित देश बताने वाली मोदी सरकार के शासनकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। जिसका जीता जागता उदाहरण देश के अस्पतालों में देखने को मिल रहा है।

केंद्र सरकार इन लोगों को हिंदू मुस्लिम और मंदिर मस्जिद के नाम पर बेवकूफ बनाती आई है। ताकि जनता शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल न करे।

आज देश की सरकार ने आज लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। बीते हफ्ते से ही दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से लोगों की मौतों का आंकड़ा बढ़ चुका है।

इस कड़ी में तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करें लिखा है कि “नए संसद भवन पर 20000 करोड रुपए खर्च किए जाने पर रोक लगाई जाए। फिलहाल सभी भारतीय लोगों को फ्री में कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया जाए। यह हमारा पैसा है प्रधानमंत्री जी। इसे हमारी जिंदगियों के लिए रखा जाए। ना की इमारतें बनाने के लिए।”

 

गौरतलब है कि बीते 24 घंटों के अंदर अब भारत में 3.32 लाख कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आने से हड़कंप मच गया है। बीते 24 घंटों में लगभग 2300 लोगों की मौत हो चुकी है।

दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी देश में लगातार दूसरे दिन तीन लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए।

चिंताजनक बात यह है कि भारत में हर दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और लोगों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद लोगों को इलाज के लिए दर बदर भटकना पड़ रहा है।

ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत में आई कोरोना की दूसरी लहर ने कथित विकासशील भारत की छवि का खुलासा कर दिया है।

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