कल यानी एक अप्रैल को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान होना है। दूसरे चरण में ही नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग होगी।

वही नंदीग्राम, जहां से खुद सीएम ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने इस सीट से ममता के खिलाफ चर्चित नेता शुभेंदु अधिकारी को उम्मीदवार बनाया है।

मीडिया की तरफ से यह दिखाया जा रहा है कि इस सीट पर ममता और शुभेंदु के बीच कांटे की टक्कर है, हालांकि जमीनी हकीकत इससे अलग है।

वोटिंग से ठीक एक दिन पहले ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, जगन मोहन रेड्डी, नवीन पटनायक, फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, दीपांकर भट्टाचार्या समेत कई विपक्षी नेताओं को पत्र लिखकर भाजपा के विरुद्ध एक मंच पर आने की अपील की है।

ममता बनर्जी ने इस पत्र में लिखा है कि मेर दृढ विश्वास है कि अब समय आ गया है कि जब पर भाजपा के संविधान और लोकतंत्र पर हमलों के खिलाफ एक हुआ जाए।

एनसीटी विधेयक का मुद्दा उठाते हुए ममता ने कहा है कि उपराज्यपा को अघोषित रुप से दिल्ली का वायसराय बना दिया गया है जो पीएम और गृहमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहे हैं।

ममता बनर्जी ने कहा कि ये बेहद गंभीर मसला है जब एक प्रजातांत्रिक तरीके से जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को संविधान द्वारा प्रदत्त सारी शक्तियों को छीन लिया गया है।

मालूम हो कि नंदीग्राम को शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है लेकिन इसे टीएमसी मिथक बताने में जुटी हुई है. यही वजह है कि ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं।

ममता बनर्जी और भाजपा नेताओं के बीच चुनावी संग्राम हर मर्यादा पार कर चुका है। व्यक्तिगत आरोपों से आगे निकल कर अब यह लड़ाई हिंसा, हमले तक पहुंच चुका है।

यही वजह है कि ममता बनर्जी ने अपने चुनावी क्षेत्र में वोटिंग से ठीक एक दिन पहले का वक्त चुना और विपक्षी एकता का आह्वान कर दिया है।

वैसे राजनीतिक हलकों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस तरह के पत्र भेजे जाने पर चर्चा तेज है क्योंकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस वाम दलों के साथ चुनाव लड़ रही है

और जितना तेज हमला भाजपा की ओर से ममता बनर्जी पर हो रहा है, उतना ही प्रहार कांग्रेस भी ममता बनर्जी पर कर रही है।

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