हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों का एनकाउंटर किए जाने के बाद जहां कुछ लोग हैदराबाद पुलिस की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कई लोग इसपर सवाल खड़े कर रहे हैं। बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने इस एनकाउंटर पर अफसोस ज़ाहिर करते हुए इसे संविधान विरोधी बताया है।
मेनका गांधी ने कहा कि हैदराबाद में जो हुआ वह इस देश के लिए खतरनाक है। आप इस तरह लोगों को नहीं मार सकते। आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते। उन्होंने कहा कि वे आरोपी थे, उन्हें वैसे भी कोर्ट से फांसी की सजा मिलती। इस तरह सब को मारा जाने लगे तो फिर कानून और सिस्टम का क्या फायदा।
बीजेपी सांसद ने कहा कि इस तरह तो अदालत और कानून का कोई फायदा ही नहीं, जिसको मन हो बंदूक उठाओ जिसको मारना हो मारो। कानूनी प्रक्रिया में गए बिना आप उसे मार रहे हो तो फिर कोर्ट, कानून और पुलिस का क्या औचित्य रह जाएगा’।
इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस एनकाउंटर पर आपत्ति जताते हुए कहा कि न्यायिक व्यवस्था से परे इस तरह के एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते।
उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, ‘हमें और जानने की जरूरत है। यदि क्रिमिनल्स के पास हथियार थे तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सही ठहरा सकती है। जब तक पूरी सच्चाई सामने न आए तब तक हमें निंदा नहीं करनी चाहिए। लेकिन कानून से चलने वाले समाज में इस तरह का गैर-न्यायिक हत्याओं को सही नहीं ठहराया जा सकता।’
कैसे किया गया एनकाउंटर?
पुलिस के मुताबिक, अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के बाद आज सुबह पुलिस इन चारों आरोपियों को सीन को रिक्रिएट करने के लिए घटनास्थल पर ले गई थी। लेकिन जब पुलिस आरोपियों के साथ घटनास्थल पर पहुंची तो उनमें से एक आरोपी पुलिसकर्मी का हथियार छीन कर भागने लगा। जिसके बाद चारों आरोपी अलग-अलग दिशा में भागने लगे। आरोपियों को भागता देख पुलिस ने उनपर फायरिंग कर दी। जिसमें चारों आरोपी मारे गए।