Defence Ministry
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नौकरियां छीनने के मामले में प्राइवेट कंपनियों से भी आगे मोदी सरकार निकल रही है। नौकरियां छीनने का पहला कदम, रक्षा मंत्रालय ने उठा लिया है। रक्षा मंत्रालय ने लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा खर्च में संतुलन के नाम पर मौजूदा 13,000 रिक्तियों में से 9304 पदों को ख़त्म कर दिया है।

गौरतलब हो कि, मोदी सरकार युवाओं को नौकरियां देने में फिसड्डी साबित हुई है। सरकारी क्षेत्र में लाखों पद खाली पड़े हैं लेकिन अपने 6 साल के कार्यकाल में मोदी सरकार उन्हें भर नहीं पाई है। जबकि खुद प्रधानमंत्री मोदी सालाना 2 करोड़ रोजगार देने की बात करते हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल शेखावत की अगुवाई वाली विशेषज्ञों की समिति (कमेटी ऑफ एक्सपर्ट) की सिफारिशों के बाद यह फैसला लिया गया है, जिसमें सशस्त्र बालों की लड़ाकू क्षमता और रक्षा खर्च को संतुलित करने को लेकर सिफारिश की गई थी।

एक बात ये भी है कि प्रधानमंत्री मोदी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गृह मंत्री अमित शाह मंदी के दौर में भी हमेशा कहते रहे हैं कि सरकार के बाद पर्याप्त धन है।

सरकार के पास कोई पैसे की कमी नहीं है, फिर कोरोना संकट में डेढ़ महीने में ही सरकार का खजाना कैसे खत्म हो गया? जब सरकार क्षेत्र में नौकरियां जाएंगी तो निजी क्षेत्र की कंपनियों को अपने यहां से छटनी करने का अधिक बल मिलेगा।

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