kanhaiya kumar
Kanhaiya Kumar

जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कन्हैया कुमार ने मज़दूरों की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की है और मज़दूरों की इस बदहाली के लिए केंद्र की मोदी सरकार को ज़िम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि सरकार मुश्किल की इस घड़ी में मज़दूरों का ख्याल नहीं रख रही है।

सरकार पर तंज़ कसते हुए कन्हैया ने ट्विटर के ज़रिए कहा कि वादा- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का किया गया था। लेकीन ये नहीं बताया गया था कि इस वादे में कुछ शर्तें भी हैं और वो शर्तें ये हैं कि सरकार के सब में ग़रीबों, मज़दूरों और बेरोज़गारों को शामिल नहीं किया जायेगा।

बता दें कि सरकार द्वारा किए गए लॉकडाउन का सबसे बुरा प्रभाव गरीबों और मज़दूरों पर पड़ा है। लॉकडाउन में काम बंद होने की वजह से मजदूरों के सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है। वो इस समस्या से बचने के लिए अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन सरकार उनके लिए कोई प्रबंध नहीं कर रही।

जिसके चलते वो पैदल ही हजारों किलोमीटर का सफ़र तय कर रहे हैं। ऐसे में वो हादसों का भी शिकार हो रहे हैं। ऐसे हादसों में अब तक 50 से ज़्यादा मज़दूरों की मौत हो चुकी है।

इससे पहले भी कन्हैया कुमार ने एक ट्वीट के ज़रिए हादसों के शिकार होते प्रवासी मजदूरों को लेकर सरकार और समाज पर सवाल उठाया था उन्होंने लिखा था कि कोरोना ने समाज के एक बड़े तबके को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खासकर गरीबों-मजदूरों के लिए यह जीने-मरने का सवाल बन चुका है। अपने घर लौटने की जद्दोजहद में लगातार मजदूरों की जान जा रही है।

कन्हैया ने लिखा था कि सत्ता व समाज को इसे गंभीरता से लेना चाहिए वरना मानवता की हमारी सारी दलीलें खोखली साबित होगा।

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