पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को हराने के लिए ऐसी रणनीति बनाई। जिसके सामने गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी के कोई दांवपेंच नहीं चल पाए।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद पार्टी को छोड़ने वाले नेताओं के घर वापसी का सिलसिला भी चल रहा है। भाजपा छोड़कर कई दिग्गज नेता ममता बनर्जी के पाले में वापस आ चुके हैं।
इस बीच खबर सामने आई है कि टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सांसद सुनील मंडल ने भी अपना पाला बदल लिया है।
सुनील मंडल ने ऐलान किया है कि वह तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं और उसी पार्टी में रहेंगे। उन्होंने कभी भी पार्टी से इस्तीफा दिया ही नहीं।
दरअसल मामला कुछ यूं है कि भारतीय जनता पार्टी में भले ही सुनील मंडल औपचारिक रूप से शामिल हो गए थे। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा नहीं दिया था। अभी भी वह खुद को तृणमूल कांग्रेस का सांसद ही बता रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सांसद सुनील मंडल भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में टीएमसी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आए थे।
लेकिन पूर्व भाजपा नेता मुकुल रॉय के हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में वापसी के बाद सुनील मंडल उसने भी अपना विचार बदल लिया है।
सुनील मंडल मुकुल रॉय के करीबी नेता माने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे के दौरान गुपचुप तरीके से मुलुक मुकुल रॉय से मुलाकात भी की थी।
अब उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि मैंने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है मैं हमेशा से टीएमसी में था और रहूंगा। अब अन्य तृणमूल कांग्रेस सांसदों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।