केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के विकास के बड़े-बड़े दावों की पोल कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया के सामने खुल चुकी है। सरकार के ज्यादातर समर्थक भी अब उनके खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
इसका कारण हम सब के सामने हैं। दरअसल भारत सरकार के विश्वगुरु बनने के दावे के विपरीत देश के पास बेसिक स्वास्थ्य सुविधाएँ भी नहीं हैं। इसके लिए भारत को दुनियाभर के छोटे-बड़े देशों ने मदद भेजी हैं।
इसी बीच भाजपा समर्थक और अभिनेता अनुपम खेर का एक इंटरव्यू चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल अनुपम खेर कोरोना महामारी में भी भाजपा के हर कदम की तारीफों के पुल बांधते हुए नजर आते हैं।
पहली बार ऐसा हुआ है कि अनुपम खेर भाजपा के खिलाफ बोले हैं। अनुपम खेर ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा है कि कोरोना महामारी में सरकार फिसल गई है। ये वक़्त इमेज बिल्डिंग का नहीं है।
सरकार को इस वक्त ऐसी चीजें करने की जरूरत है। जिनके लिए देश के लोगों ने उन्हें चुना है। नदियों में शव तैर रहे हैं।
किसी अन्य राजनीतिक पार्टी द्वारा चुनावी फायदे के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना सही नहीं है। जो भी हुआ है। उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना महत्वपूर्ण है।
मेरा मानना है कि बहुत सारे मामलों में आलोचना किया जाना सही है। एक नागरिक के तौर पर हमें गुस्सा जाहिर करना चाहिए।
सोशल मीडिया पर अनुपम खेर द्वारा अपने इंटरव्यू में कही गई इन बातों पर लोगों द्वारा हैरानी जाहिर की जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हाल ही में अनुपम खेर ने ट्वीट कर कहा था कि आएगा तो मोदी ही। इस ट्वीट के लिए उन्हें जमकर ट्रॉल भी किया गया था।
बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर द्वारा कही गई बातों से ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना की है। जोकि पहली बार हुआ है।