बीजेपी शासित राज्यों में भीड़ द्वारा हत्या की घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही। इन राज्यों में गौरक्षा के नाम पर कभी मुसलमानों तो कभी दलित-आदिवासियों के निशाना बनाया जा रहा है।

ताज़ा मामला असम के विश्वनाथ ज़िले से सामने आया है। जहां गाय चोरी के शक में भीड़ ने चार लोगों को बेरहमी से पीटा, जिसमें एक की मौत हो गई।

घटना सूबे की राजधानी से तकरीबन 230 किलोमीटर दूर दिपलुंगा टी स्टेट की है। जहां बुधवार तड़के करीब 4 बजे सूतिया के रहने वाले चार लोग वैन से जा रहे थे, तभी भीड़ ने उनपर गाय चोरी के शक में हमला बोल दिया।

भीड़ ने चारों पीड़ितों को लाठी-डंडों और लोहे की छड़ों से बेरहमी से पीटा। इस हमले में बुरी तरह से घायल चारों पीड़ितों को ज़िले के प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। जहां एक की इलाज के दौरान ही मौत हौ गई।

इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि चारों पीड़ित ज़मीन पर बैठकर हत्यारी भीड़ से रहम की भी भीख मांग रहे हैं। वो हाथ जोड़ कर हमलावरों से जान बख्श देने की गुज़ारिश कर रहे हैं। लेकिन किसी को चारों पर तरस नहीं आया और भीड़ ने इनको बेरहमी से पीटा।

इनमें से एक पीड़ित ने स्थानीय टीवी चैनल को बताया कि बुधवार की सुबह वो दिपलुंगा टी स्टेट सुअर ख़रीदने आए थे। तभी भीड़ ने उन्हें रोका और गाय चोरी का आरोप लगाते हुए उनपर लाठी-डंडों और लोहे की छड़ों से हमला बोल दिया।

हालांकि पुलिस पीड़ित के बयान को नज़रअंदाज़ करते इसे गाय चोरी का केस बता रही है। पुलिस का कहना है कि वैन से दो चोरी हुई गाय बरामद हुई हैं। पुलिस ने गाय चोरी का केस दर्ज करते हुए कहा कि हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि पीड़ित सुअर ख़रीदने जा रहे थे। पीड़ित अभी घायल हैं, इसलिए उनका बयान नहीं लिया जा सका है।

गाय चोरी के शक में भीड़ का शिकार हुए चारों पीड़ित आदिवासी समुदाय के बताए जा रहे हैं, जो कि पेशे से मज़दूर थे। इस हमले में जिस शख़्स की हत्या की गई है उसका नाम देबेन राजबोंगशी है।

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