देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट के दौरान पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 8 आर्थिक उपायों की घोषणा की है।
सीतारमण ने इन आर्थिक उपायों की जानकारी देते हुए बताया कि इन 8 आर्थिक उपायों में से चार नए हैं। इनमें से एक उपाय देश के बुनियादी स्वास्थ्य ढ़ांचे को मजबूती प्रदान करेगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री के इन 8 आर्थिक उपायों को खारिज कर दिया और कहा कि “यह पैकेज नहीं है बल्कि ढकोसला है।
वित्त मंत्री के आर्थिक पैकेज को कोई परिवार अपने रहने, खाने, दवाई और बच्चों की स्कूल फीस पर खर्च नहीं कर सकता है”
अब आइए जानते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ये उपाय कौन कौन से हैं।
नई क्रेडिट योजना : यह एक नई योजना है। इसके तहत छोटे से छोटे उधारकर्ताओं को सवा लाख रुपये उधार दिए जाएंगे। इस योजना में फोकस पुराने लोन को रिकवर करने की नही बल्कि नए लोन देने की है।
वीजा फीस नहीं : इस योजना के तहत एक बार विदेशी यात्राओं की शुरुआत हो जाने के बाद पहले 05 लाख पर्यटकों को भारत आने के लिए वीजा फीस नहीं देना होगा।
ट्रैवल एजेंसियां को कर्ज : पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ट्रैवल एजेंसियों को 10 लाख रुपये तक का लोन देगी. इसके साथ ही टूरिस्ट गाइडों को भी 01 लाख रुपये तक का लोन दिय जाएगा।
अस्पतालों में बाल चिकित्सा बेड : सभी अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए 23,220 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।
उर्वरक सब्सिडी : किसानों के लिए 14775 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी।
इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के विस्तार की पहल सरकार की ओर से की जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि नवंबर 2021 तक सभी लाभार्थियों को 05 किलो मुफ्त अनाज हर महीने उपलब्ध कराया जाएगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी सरकार के इन उपायों पर सवाल उठाया है तो वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि कोई भी बैंकर कर्ज के बोझ तले दबे हुए पुराने कारोबार को लोन नहीं देने वाला है।
कर्ज में डूबे कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए और ज्यादा कर्ज नहीं बल्कि कर्ज से इतर पूंजी उपलब्ध कराने की जरुरत है।