भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ममता बनर्जी के किले में सेंध लगाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाती नज़र आ रही है।

जहां पार्टी राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर रथ यात्रा निकालकर ध्रुविकरण करना चाहती है, वहीं पार्टी की ओर से वोटरों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे भी किए जा रहे हैं।

ये लोकलुभावने वादे कोई और नहीं बल्कि ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बंगाल की जनता से वादा कर रहे है कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार बनती है तो यहां रोज़गार की कमी नहीं होगी।

सोमवार को पश्चिम बंगाल के हुगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो बंगाल ऐसा होगा, जहां विकास सभी का होगा, तुष्टिकरण किसी का नहीं होगा। ऐसा बंगाल, जो टोलाबाज़ी से मुक्त होगा, रोज़गार और स्वरोज़गार युक्त होगा।

पीएम मोदी ने बंगाल में लोगों को रोज़गार देने का वादा तब किया है, जब देशभर के नौजवान पीएम से रोज़गार की मांग कर रहे हैं।

ट्विटर पर दो दिन पहले ही मोदी रोज़गार दो हैशटैग ट्रेंड कर रहा था। इस हैशटेग के साथ दो मिलियन से भी ज़्यादा लोगों ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री से रोज़गार मांगा है।

पीएम मोदी ने हुगली की जनसभा में जिस तरह से बंगालियों को रोज़गार देने का वादा किया है, उससे ये प्रतीत होता है कि उन्होंने देशभर के नौजवानों को रोज़गार देने का जो वादा किया था उसे पूरा कर दिया है।

लेकिन आंकड़े कुछ और ही बताते हैं। आंकड़ों पर नज़र डालें तो पीएम मोदी के शासनकाल में बेरोज़गारी तेज़ी से बढ़ी है। बेरोज़गारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

पत्रकार अजीत अंजुम ने पीएम मोदी द्वारा बंगालियों को रोज़गार देने के नए वादे पर सवाल खड़े किए हैं।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “पीएम मोदी अब बंगाल को रोजगार देने का वादा कर रहे हैं। बाकी देश को दे दिया न? फिर #रोजगार दो के नारे कौन बुलंद कर रहा है? #मोदी जी रोजगार दो कौन कह रहा है?

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