साल 2020 में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली में किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों को डराने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया के पास फायरिंग करने वाला युवक एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है।

खबर के मुताबिक, आरोपी युवक ने हरियाणा के पटौदी में एक महापंचायत में हिस्सा लिया। दरअसल हरियाणा के पटौदी में लव जिहाद, जनसंख्या कंट्रोल और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर एक महापंचायत बुलाई गई थी।

जहां उसने महापंचायत में शामिल हुई भीड़ को मुस्लिम महिलाओं के अपहरण करने के लिए उकसाया। इसके साथ ही उसने देश के मुसलमानों पर हमले करने की बात भी कही।

जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि जामिया के पास फायरिंग करने का आरोपी युवक मुसलमानों के खिलाफ कई आपत्तिजनक बातें कह रहा है।

वीडियो में जामिया फायरिंग का आरोपी यह कहता हुआ नजर आ रहा है कि मैं आतंकवादी मानसिकता के लोगों को यह संदेश देना चाहता हूं कि अगर मैं सीएए के समर्थन में जामिया जा सकता हूं , तो पटौदी भी दूर नहीं है।

इस दौरान मुसलमानों को लेकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए उसने कहा कि जब उन्हें मारा जाएगा तो वे राम-राम चिल्लाएंगे।

इस मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा है। प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर लिखा है कि “बीते साल सीएए के विरोध में प्रदर्शनकारियों के समूह पर ओपन फायरिंग करने वाले आरोपी ने रविवार को पटौदी में आयोजित महापंचायत में हिस्सा लिया।

जहां उसने भीड़ को मुस्लिम महिलाओं को अगवा करने के लिए उकसाया। दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने कपिल मिश्रा और इसे जेल से बाहर रखा है।”

गौरतलब है कि गाजियाबाद में आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू मुस्लिम एकता के दावे किए गए थे।

वही गुरुग्राम के पटौदी में लव जिहाद, धर्मांतरण और जनसंख्या कंट्रोल के मुद्दों पर बुलाई गई इस महापंचायत में मुसलमानों के खिलाफ खुलेआम जहर उगला गया।

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