लोकसभा चुनावों की तारीख़ के ऐलान के साथ ही बीजेपी के कद्दावर नेताओं का जनता ने विरोध करना शुरु कर दिया है। अब केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा और वीके सिंह को अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनता के ग़ुस्से का सामना करना पड़ा।

ग्रेटर नोएडा के असतौली गांव में बड़ी तादाद में युवाओं ने महेश शर्मा के खिलाफ़ प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन के दौरान नाराज़ युवाओं ने महेश शर्मा के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए उन्हें काले झंडे भी दिखाए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्री को काला झंडा दिखाने वाले युवाओं को गिरफ्तार किया गया है।

प्रदर्शन कर रहे युवाओं की मांग है कि महेश शर्मा को यहां से टिकट न दिया जाए। इन लोगों का साफ कहना है कि अगर बीजेपी ने यहां अपना प्रत्याशी नहीं बदला तो वह वोट के ज़रिए ख़ुद ही बदल देंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री ने पांच साल में उनके इलाके में न तो कुछ काम किया और न ही वक़्त दिया।

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उधर, यूपी के गाजियाबाद में भी केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के खिलाफ़ विरोध देखने को मिला। दरअसल, यहां बीजेपी के स्थानीय नेता नहीं चाहते कि वीके सिंह को यहां से टिकट दिया जाए। वीके सिंह पहली बार 2014 में चुनाव लड़े और मोदी लहर में जीतकर मंत्री बने थे।

बता दें कि वीके सिंह राजपूत समुदाय से आते हैं और गाजियाबाद में राजपूत मतदाताओं का काफी दबदबा है। माना जाता है कि यही वजह है कि भाजपा नेतृत्व ने जातीय समीकरण साधने के लिए वीके सिंह को गाजियाबाद से चुनाव लड़ाया था।

जीत हासिल करने के बाद वीके सिंह को मंत्री पद भी मिल गया। लेकिन गाजियाबाद में स्थानीय कार्यकर्ता इस बात से नाराज हैं कि वीके सिंह ने संसदीय क्षेत्र में ज्यादा वक्त नहीं बिताया और यही वजह है कि लोगों में उनके ख़िलाफ़ आक्रोश है।

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