दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लगभग 2 महीने होने वाले हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई दसवें दौर की बैठक के बाद तीनों कृषि कानूनों पर एक से डेढ़ साल तक अस्थायी रोक लगाने की बात कही जा रही है। लेकिन इसके बावजूद्द किसान संगठन आंदोलन को खत्म करने के लिए तैयार नहीं है।

इस कड़ी में किसान नेता राकेश टिकैत News24 के डिबेट शो में से साफ कह दिया है कि सरकार के फैसले के विपरीत हम आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे।

इस गलतफहमी में कोई भी ना रहे। 26 तारीख को हम दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च इसलिए निकाल रहे हैं। क्योंकि किसानों को अलग-अलग नामों से पुकारा गया है। कभी हमें खालिस्तानी तो कभी हमें अफगानिस्तानी करार दिया गया।

इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को भी निशाने पर लिया है। जब न्यूज़ एंकर राकेश टिकैत से यह सवाल किया कि आप लोकतंत्र की दुहाई देते हैं। लेकिन आप न्यायपालिका का सम्मान नहीं करते हैं। जब कोर्ट ने कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है तो किसान आंदोलन खत्म क्यों नहीं कर रहे हैं।

इसका जवाब देते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम न्यायपालिका का पूरा सम्मान करते हैं। हम तो रिटायरमेंट होने के बाद जो जज राज्यसभा चले जाते हैं हम तो उनका भी पूरा सम्मान करते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आज भी भाजपा के कुछ नेता हमें इसी नाम से बुलाते हैं। हम 26 जनवरी को अपने हाथों में तिरंगा झंडा लेकर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। ताकि इन्हे पता चल सके कि हम किसान हैं और तिरंगे में ही हमारी आस्था है।

हमें भाजपा के लोगों ने खालिस्तानी और अफगानिस्तानी कहा है। जब गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा झंडा उठाकर अपनी पहचान उन्हें बताना चाहते हैं।

देश के तिरंगे पर किसी भी खास वर्ग का अधिकार नहीं है यह तिरंगा सभी देशवासियों का है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here