साल 2014 के बाद भाजपा सरकार ने खिलाफ में उठने वाले विरोधी स्वरों को दबाने के लिए NSA और यूएपीए का सहारा लेकर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला है।

भाजपा और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को देशद्रोही करार दे दिया जाता है।

वहीँ भाजपा समर्थक कंगना रनौत कई बार देश के इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों पर आपत्तिजनक बयान दे चुकी है। जिन पर मोदी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

कंगना रनौत को मोदी सरकार द्वारा वाई प्लस सिक्योरिटी दी गई है। हाल ही में उन्हें पदम श्री अवार्ड से भी नवाजा गया है। जिसके बाद एक बार फिर कंगना रनौत ने विवादित बयान दिया है।

फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा देश की आजादी पर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर के विपक्षी नेताओं ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है।

भाजपा सांसद वरुण गांधी और एनसीपी नेता नवाब मलिक के बाद राजद सांसद मनोज झा ने भी कंगना रनौत के बयान की निंदा करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

उनका कहना है कि त्रिपुरा में इस वक्त क्या हो रहा है? जब हक की बात करो तो उस पर यूएपीए लगता है।

कंगना रनौत साल 2014 में आजादी मिलने की घोषणा करती हैं तो उन पर कुछ नहीं होता। बल्कि उन्हें पदमश्री अवार्ड दिया जाता है।

यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि हमने अपने देश को कहां लाकर खड़ा कर दिया है। नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने वाले संसद में बैठे हुए हैं।

देश के प्रधानमंत्री उनके लिए सिर्फ यह कहते हैं कि वह नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वालों को कभी माफ नहीं करेंगे।

ऐसे ही हो सकता है कि वह कंगना रनौत के लिए भी बोले कि वह उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि मन की माफ़ी कर क्या होती है?

राजद नेता मनोज झा ने इस दौरान यह भी कहा कि तालिबान अब मुझे पड़ोस में नहीं दिखता। बल्कि यहीं पर नजर आता है।

आज जो लोग ताली पीट रहे हैं, वही लोग कल को छाती पीट रहे होंगे। हम यह कह रहे होंगे कि इस देश को हमने कहां से कहां पहुंचा दिया है।

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