देश में हर रोज पेट्रोल और डीजल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं कई राज्यों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए तक पहुंच गई है।
जिसकी वजह से आम जनजीवन में भी लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के दौरान पहले ही लोगों में भयंकर बेरोजगारी और गरीबी आ चुकी है।
ऐसे में ईंधन के दाम बढ़ने से उन्हें दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। खुद को गरीबों का मसीहा बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। जिसके चलते रहे विपक्षी नेताओं के निशाने पर बने हुए हैं।
इस कड़ी में शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि देश में सबसे बड़ी समस्या इस वक्त महंगाई बढ़ चुकी है।
पेट्रोल और डीजल के दाम हर रोज बढ़ रहे है। यह अगर धर्म संकट है। तो यह धर्म संकट यूपीए की सरकार के सामने भी था। लेकिन उन्होंने यह कभी भी नहीं कहा कि यह धर्म संकट है।
देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस संकट से लड़ने के लिए हमेशा प्रयास किए हैं। लेकिन यह सरकार इन प्रयासों को करने की बजाय इस मुद्दे पर बात करने से भाग रही है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि ऐसे वित्तमंत्री को अपने पद पर रहने का अधिकार नहीं है। जो इस समस्या को धर्मसंकट बताकर इससे भागने की कोशिश कर रही है। यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
आपको बता दें कि देश में लगातार बढ़ रही पेट्रोल, डीजल और गैस सिलेंडर की कीमतों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनके हाथ में कुछ भी नहीं है।
उनका कहना है कि तेल की कीमत सरकार नहीं तेल कंपनियां तय कर रही हैं . सीतारमन ने कहा है कि तेल की बढ़ती कीमतों पर लगाम कब लगेगी। इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता। यह धर्म संकट की तरह है।