आज देश भर में विजयदशमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 96वां स्थापना दिवस भी है।

इसके मौके पर नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से धर्म के आधार पर लोगों को बांटने वाला बयान दिया है।

उनका कहना है कि कुछ कट्टरपंथी लोग देश में अराजकता का माहौल बना रहे हैं। इसलिए हिंदुओं को संगठित होने की जरूरत है। इसी से सभी समस्याओं का हल निकल सकता है।

इसके साथ ही मोहन भागवत ने युवाओं में बढ़ रही नशे की लत पर भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में तरह-तरह के नशीले पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इसे कैसे रोका जाए पता नहीं?

उच्च वर्ग से लेकर समाज के आखिरी आदमी तक हर वर्ग का शख्स नशे करने की लत में जा चुका है।

नशे के कारोबार से आने वाले पैसे का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में किया जाता है। जिसे सीमा पार के देशों द्वारा किया जा रहा है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए इस बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने पलटवार किया है।

उनका कहना है कि अगर मोहन भागवत कुछ बोलते हैं। तो उनकी बात का कुछ महत्व होता है।

उन्होंने बयान दिया है कि नशे से कमाए जाने वाले पैसे का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में किया जाता है। तो यह भी बताएं कि सरकार का नेतृत्व कौन कर रहा है?

जब साल 2016 में नोटबंदी की गई थी। तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इससे आतंकवादियों और ड्रग्स माफियाओं को बड़ा झटका लगेगा।

नोटबंदी करने से उन पर नकेल कसी जाएगी। उनके पास कोई पैसा नहीं बचेगा।

लेकिन आज संघ प्रमुख मोहन भागवत तक कह रहे हैं कि भारत में ड्रग्स के पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी होने वाली गतिविधियों में किया जा रहा है। तो यह भी बताएं कि इसका क्या महत्व है?

उल्लेखनीय है कि 2016 के अंत में जब मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी की गई थी। तो पीएम मोदी ने देश से आतंकवाद, भ्रष्टाचार और कालेधन का खात्मा होने का दावा किया था। लेकिन आज भी यह सब भारत में धड़ल्ले से चल रहा है।

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