बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे द्वारा समय से पहले रिटायरमेंट लेने के बाद से ही सियासी गलियारों में एक नई चर्चा शुरू हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे राजनीति में उतर सकते हैं। इस मामले में विपक्षी दलों ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने सुशांत मामले में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी। इस मामले में शिवसेना नेता संजय राउत का बड़ा बयान सामने आया है।

उनका कहना है कि वह यह पहले से ही जानते थे कि गुप्तेश्वर पांडे जल्द ही राजनीति में आने वाले हैं।

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे पर निशाना साधते हुए संजय राउत ने कहा है कि एक आईपीएस की अपनी प्रतिष्ठा होती है।

बिहार के डीजीपी साहब ने जिस तरह से मुंबई के केस के बारे में बयानबाजी की। मुझे लगता है कि वह एक राजनीतिक पार्टी का पॉलीटिकल एजेंडा चला रहे थे।

उनको अब उसका ईनाम मिलने जा रहा है। जो पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाती है, उस पर लोग भरोसा नहीं करेंगे। महाराष्ट्र पर उनके राजकीय तांडव के पीछे का एजेंडा अब स्पष्ट हो चुका है।

आपको बता दें कि समय से पहले रिटायरमेंट लेने के बाद बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि 2 महीने से मेरा जीना मुश्किल हो गया था। हर रोज मेरे इस्तीफे को लेकर फोन आ रहे थे। इसलिए मैंने सभी चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।

माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी या फिर जनता दल यूनाइटेड में से कोई एक बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्व बीजेपी को टिकट दे सकती है। राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट है कि वह बक्सर विधानसभा सीट से जेडीयू के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं।

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