‘अलीगढ़ में तीन साल की बच्ची को अपनी दरिंदगी का शिकार बनाने वाले दरिंदों पर समय रहते पुलिस कार्यवाही होती तो शायद उस मासूम की जान बच सकती थी, इस मामले की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर जालिमों को फाँसी की सज़ा दी जाय।’

ये कहना है आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का। जिन्होंने अलीगढ़ में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाए ऐसी मांग की है।

अलीगढ़ जहां टप्पल इलाके में ढाई साल की बच्ची की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने कहा था, ‘हम इस मामले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत करेंगे और इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजेंगे.

यहां एक ढाई साल की बच्ची की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और फिर क्षत-विक्षत शव को कूड़े में फेंक दिया गया था।

इतनी घिनौनी और भयावह वारदात के पीछे की वजह महज 10,000 रुपये है. मृत बच्ची के पिता ने 10,000 रुपये का कर्ज लिया था. जब वो उसे नहीं चुका पाया तो आरोपियों ने बच्ची को अगवा कर लिया।

तीन दिन बाद घर के पास के कूड़ाघर में बच्ची का शव मिला. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची की हत्या गला घोटकर की गई.

पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सोचिए जिस समाज में सारे अहम पदों पर जब पुरुष बैठा हो तो कैसे उम्मीद की जा सकती है वो महिलाओं के हक में कुछ करेगा।

हाईकोर्ट की सुनवाई में फांसी की सजा पर बहस भी हो चुकी है। क्या हम एक सभ्य समाज नहीं बना सकते है? जहां रेप जैसी शर्मनाक हरकत की मानसिकता को मात दे सके?

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