मध्यप्रदेश में बहुत ही जल्द विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं। जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जनता को लुभाने में जुट गई हैं। लेकिन भाजपा ऐसी करतूतें कर रही है। जिससे उनके हाथ से सत्ता जा सकती है।

दरअसल प्रदेश में कोरोना महासंकट के दौरान गरीबों में ऐसा राशन बांटा गया है। जो जानवरों के खाने लायक होता है। यह खुलासा खुद केंद्र सरकार की रिपोर्ट में किया गया है।

बताया जा रहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकारी राशन दुकानों से वितरित किए गए चावल इंसानों के खाने लायक नहीं थे। यह पोल्ट्री ग्रेड के चावल थे। जो शिवराज सरकार द्वारा इंसानों को पीडीएस के तहत बांटे गए।

रिपोर्ट के मुताबिक, 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच 32 सैंपल चावल के लिए गए थे। जिसमें से कुछ सैंपल वेयरहाउस और कुछ राशन की दुकानों से एकत्रित किए गए थे।

दिल्ली की सीजीएएल लैब में जांच के दौरान यह सामने आया कि इंसानों को जो चावल बांटे गए। वह पोल्ट्री ग्रेड के थे। केंद्र द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है।

इस मामले में विपक्ष ने शिवराज सरकार को घेरते हुए इस मामले की जांच की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि ऐसी शर्मनाक हरकत करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि चावल वितरण मामले में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की गई है। ऐसे में सरकार को जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

कांग्रेस का कहना है कि इसके साथ ही यह भी बताना चाहिए कि पूरे प्रदेश में कहां कहां पर पोल्ट्री ग्रेड का चावल बांटा गया है। शिवराज सरकार के राज में ऐसा मामला पहली बार सामने नहीं आया है। इससे पहले भी जनता के प्रति शिवराज सरकार की लापरवाही सामने आती रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here