अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की इलाहाबाद स्थित उनके आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है।

मौके पर बरामद हुए सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस द्वारा महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया है।

इस मामले में अब विपक्षी दलों द्वारा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरा जा रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि अब तक अगर गैर भाजपा शासित राज्य में इस तरह की घटना घटित होती।

तो इसे हिंदुत्व पर हमला करार दे दिया गया होता। लेकिन अब तक इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा नेताओं ने चुप्पी साधे रखी है।

इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने भी भाजपा पर सवाल उठाए हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में योगी सरकार जवाब देही है।

उन्होंने कहा है कि महंत नरेंद्र गिरि काफी राज जानते थे। इसलिए उनका आत्महत्या करना संदिग्ध नजर आता है। क्योंकि जो इंसान सबका मार्गदर्शन कर रहा हो वो ऐसा नहीं कर सकता।

इस मामले में दुख जाहिर करते हुए शिवसेना नेता ने कहा है कि हिंदू समाज के लिए यह बहुत ही दुखद घटना है। शिवसेना के साथ महंत नरेंद्र गिरि का काफी अच्छा रिश्ता रहा है।

उन्होंने देश के हिंदुओं के लिए कई बार आंदोलन का नेतृत्व भी किया है। अगर उनकी मौत के मामले में किसी भी चीज को छुपाने की कोशिश की जा रही है। तो इसकी गहन तरीके से छानबीन की जानी जरूरी है।

इसके साथ ही योगी सरकार पर निशाना साधते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने ये भी कहा है कि जब पालघर में 2 साधुओं की मौत हुई थी।

तो इस घटना पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने सवाल उठाए थे। आज योगी सरकार को भी इन सवालों का जवाब देना होगा।

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