साल 2022 में उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। जिसकी तैयारियां सभी राजनीतिक दलों ने शुरू कर दी। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा को किसान आंदोलन के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

इसी बीच खबर सामने आई है कि कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी 19 विपक्षी दलों के साथ मिलकर बैठक की है। जिसमें विपक्षी नेताओं को भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की अपील की गई है।

सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में टीएमसी, शिवसेना, सीपीआई, आरजेडी, एनसीपी समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया है।

इस बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों को एक साथ आने के लिए कहा है।

सोनिया गांधी का कहना है कि विपक्षी दलों को सिर्फ संसद में ही नहीं। बल्कि संसद के बाहर भी एकजुट होना पड़ेगा।

जिस तरह से मॉनसून सत्र के दौरान सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर भाजपा का विरोध किया। इसी तरह से आगे भी संसद में विपक्ष की एकजुटता देखने को मिलती रहेगी।

इस दौरान सोनिया गांधी ने साल 2024 की सियासी लड़ाई को ज्यादा महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ रणनीति बनाकर काम करने की जरूरत है।

भले ही हम सब राजनीतिक दलों में आपसी मतभेद रहे हैं। लेकिन राष्ट्रहित के लिए हम सब को एक साथ आना बहुत जरूरी है।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से पहले तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी साल 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को एकसाथ लाने की कोशिश की है। हाल ही में उन्होंने एनसीपी नेता शरद पवार और कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी से मुलाकात की है।

इसके अलावा हाल ही संपन्न हुए मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में एक नया विपक्ष देखने को मिला है। जिसने एक साथ आकर भाजपा का विरोध किया है।

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