मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ करीब 40 दिनों से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन के दौरान तकरीबन 50 किसानों की मौत हो चुकी है।

लेकिन इसके बावजूद सरकार किसानों की मांगें सुनने को राज़ी नहीं है। सरकार के इसी अड़ियल रवैये को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला।

रविवार को किसानों के समर्थन में बयान जारी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, देश की आज़ादी के बाद से पहली बार ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है, जिसे अन्नदाताओं की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही। उसे सिर्फ उद्योगपतियों का मुनाफ़ा नज़र आ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान लगातार ठंड और बरसात के कारण किसानों की मौत हो रही है। ऐसे में सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वो अपना राजधर्म निभाते हुए किसानों की मांग मानकर आंदोलन को समाप्त कराए।

प्रधानमंत्री मोदी पर ज़ोरदार हमला बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुखी के चलते अब तक 50 से अधिक किसान जान गंवा चुके हैं।

कुछ (किसानों) ने तो सरकार की उपेक्षा के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लिया। पर बेरहम मोदी सरकार का न तो दिल पसीजा और न ही आज तक प्रधानमंत्री या किसी भी मंत्री के मुंह से सांत्वना का एक शब्द निकला।’

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को यह याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र का अर्थ ही जनता और किसान-मजदूरों के हितों की रक्षा करना है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘लोकतंत्र में जनभावनाओं की उपेक्षा करने वाली सरकारें और उनके नेता लंबे समय तक शासन नहीं कर सकते। अब यह बिल्कुल साफ है कि मौजूदा केंद्र सरकार की ‘थकाओ और भगाओ’ की नीति के सामने आंदोलनकारी धरती पुत्र किसान मज़दूर घुटने टेकने वाले नहीं हैं।’

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