देश में फैली घातक बीमारी के साथ-साथ इस वक्त बेरोजगारी की वजह से भी लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
देश में चल रही इस आपदा के वक्त में बीमारी और बेरोजगारी की वजह से गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों में तनाव की समस्या भी बढ़ रही है।
इसी बीच देश के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह का एक अजीबोगरीब बयान सामने आया है। दरअसल उन्होंने लोगों को तनाव दूर करने के लिए डार्क चॉकलेट खाने की सलाह दे डाली है।
भाजपा नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के इस बयान पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट कर डॉ हर्षवर्धन सिंह से पूछा है कि “आपकी एमबीबीएस डिग्री असली तो है ना ?”
आपकी MBBS डिग्री असली तो है ना @drharshvardhan ? pic.twitter.com/wib5SETeEB
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) May 11, 2021
दरअसल देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह ने यह दावा किया था कि कोरोना संक्रमण से संबंधित तनाव दूर करने के लिए लोगों को 70% तक कोकोआ कंटेंट वाली डार्क चॉकलेट खाने की जरूरत है। इससे उनका तनाव काफी कम हो जाएगा।
इस मामले में अब पब्लिक हेल्थ रिसर्च ने उनसे उनकी बात को लेकर प्रमाण देने की बात कही है।
खबर के मुताबिक, पुणे और भोपाल में काम करने वाले बायोएथिक्स के रिसर्चर अनंत मान ने इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह से सवाल किए हैं।
उन्होंने कहा है कि कोरोना के संबंध में तनाव करने के लिए जो बात उन्होंने कही है उसका साक्ष्य कहां है?
देश में ऐसे कितने प्रतिशत लोग हैं। जो डार्क चॉकलेट का खर्च उठा सकते हैं। इस संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट कर लोगों को सलाह भी दी थी।
उन्होंने ट्वीट में कहा था कि कोरोना महामारी में इम्यूनिटी बढ़ाने और तनाव को दूर करने के लिए सब्जियों और फलों के साथ-साथ डार्क चॉकलेट का सेवन भी किया जाए।
गौरतलब है कि इस वक्त देश में फैली महामारी की वजह से लोगों के रोजगार छिन चुके हैं। ऐसे हालात में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में लोगों को डार्क चॉक्लेट का सेवन करने की सलाह देना कितना सही माना जा सकता है ?