भारत में कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वैक्सीन को पहले के मुकाबले ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत के कई राज्य वैक्सीन की किल्लत से जूझ रहे हैं।

दूसरी तरफ हाल ही में मोदी सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज की अवधि बढ़ा दी है।

इसी बीच भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गैर भाजपा शासित राज्य के वैक्सीन की आपूर्ति ना हो पाने की वजह से एकजुट होने की कही है। जिसके बाद सियासी गलियारों में सनसनी मच गई है।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि अगर देश में इसी तरह वैक्सीन की किल्लत चलती रही। तो सरकार से निराश गैर भाजपा शासित राज्य एकजुट होकर विदेश में थोक आर्डर के लिए सीधे बातचीत कर मोदी सरकार को बिल भेज सकते हैं।

अगर ऐसा हुआ तो मोदी सरकार भी राजनीतिक सर पर इन बिलों का भुगतान करने से इनकार नहीं कर पाएगी।

दरअसल मोदी सरकार ने कई राज्यों को ग्लोबल टेंडर जारी कर सीधे विदेश से वैक्सीन का थोक आर्डर लेने के लिए कह दिया है। जिसके बाद कई राज्यों द्वारा ग्लोबल टेंडर जारी भी किए जा चुके हैं।

लेकिन इस पॉलिसी को लेकर मोदी सरकार के राज्यों के निशाने पर भी आ चुकी है।

सरकार पर आरोप लग रहा है कि वैक्सीन के प्रबंधन को लेकर वे पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। इसीलिए अब केंद्र सरकार ने राज्यों पर ही उनके लिए वैक्सीन की उपलब्धता की जिम्मेदारी डाल दी है।

गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली समेत कई गैर भाजपा शासित राज्य मोदी सरकार के समक्ष वैक्सीन की किल्लत का मामला रख चुके हैं।

इस संदर्भ में दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर भी स्थिति से अवगत कराया है।

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