बीते साल नवंबर के महीने में कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। किसानों की छवि खराब करने के लिए कभी उन्हें आतंकवादी तो कभी उन्हें खालिस्तानी बताया गया।

फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने बुजुर्ग महिला किसान प्रदर्शनकारी को पैसों के लिए बिकने वाली महिला तक करार दिया था।

अब अमेरिकी न्यूज़ मैगजीन ‘टाइम’ ने किसानों को आतंकवादी और बिकाऊ कहने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

खबर के मुताबिक, इंटरनेशनल मैगजीन टाइम ने अपने कवर पेज पर किसान आंदोलन में शामिल होने वाली महिलाओं को जगह दी है।

बताया जा रहा है कि टाइम मैगजीन ने अपने इस अंक का टाइटल ‘ऑन द फ्रंटलाइन ऑफ इंडिया फार्मर प्रोटेस्ट’ रखा है। जिसमें दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं के एक ग्रुप की तस्वीर छापी गई है।

किसान आंदोलन को लेकर मैगजीन में छपी खबर को टाइटल दिया गया है “हमें डराया नहीं जा सकता और ना ही खरीदा जा सकता.. भारत के किसानों के विरोध का नेतृत्व करने वाली महिलाएं..”

मैगजीन के कवर पेज पर जो तस्वीर छापी गई है। उसमें महिलाओं के साथ एक बच्ची भी खड़ी होकर नारे लगाते हुए दिख रही है। टाइम मैगजीन द्वारा इसे उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया गया है।

आपको बता दें कि टाइम मैगजीन से बातचीत के दौरान इन महिलाओं ने कहा है कि किसान आंदोलन में उनकी उपस्थिति भी काफी महत्वपूर्ण है। कुछ महिलाओं का कहना है कि वे चाहती हैं कि उनकी घर की बच्चियां भी इस आंदोलन का हिस्सा बने। वह इस आंदोलन को देख कर बड़ी हो।

आपको बता दें कि महिला किसान प्रदर्शनकारियों को टाइम मैगजीन में जगह दिए जाने की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here