असम और मिजोरम के बीच चल रहे हिंसक सीमा विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। मिजोरम ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा समेत 04 वरिष्ठ पुलिस अफसरों, 02 एडमिन ऑफिशियल्स और 200 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।

मिजोरम के मुख्यालय पुलिस महानिरीक्षक जॉन नेहलिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी पर हत्या करने की कोशिश और आपराधिक साजिश रचने समेत कई आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।

यह एफआईआर मिजोरम के कोलासिब जिले के वैरेंगेटे पुलिस कोतवाली में दर्ज कराया गया है।

मुख्यालय पुलिस महानिरीक्षक जॉन नेहलिया ने बताया है कि असम पुलिस के आईजी अनुराग अग्रवाल, डीआईजी देबज्योति मुखर्जी, कछार एसपी चंद्रकांत निंबालकर, ढोलई थाना प्रभारी शहाबुद्दीन, कछार के डिप्टी कलेक्टर कीर्ति जल्ली और डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर सनी देव चौधरी पर हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश रचने के आरोपों में एफआईआर दर्ज किया गया है।

मालूम हो कि पिछले 49 सालों से चले आ रहे सीमा विवाद की आग सोमवार को भड़क उठी. अब तक कागजातों पर चल रहा विवाद हिंसक झड़प में तब्दील हो गया।

सोमवार को असम और मिजोरम की सीमा पर जबर्दस्त हिंसा हुई जिसमें असम के 06 पुलिसकर्मी मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। दोनों राज्य एक दूसरे पर हिंसा भड़काने के आरोप लगा रहे हैं।

फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए कहा कि “मिजोरम पुलिस की ओर से असम के सीएम पर एफआईआर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को करारा तमाचा है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अक्षमता का जीता जागता उदाहरण है.

 

विनोद कापड़ी ने कहा कि मोदी और शाह के नेतृत्व वाला यह टुकड़े टुकड़े गैंग भारत को बर्बाद करने पर तुला हुआ है.

वहीं वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर सिंह ने भी इस मामले में कहा कि 70 सालों में ये सभी चीजें जो पहली बार हो रही हैं, उसका श्रेय कौन लेगा ?

 

मालूम हो कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद से उपजे हालात इतने संवेदनशील हो चुके हैं कि असम सरकार ने अपने नागरिकों से मिजोरम की यात्रा पर नहीं जाने की एडवाइजरी जारी कर दी है.

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की ओर से जारी ट्रैवल एडवाइजरी में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि अशांत परिस्थितियों के मद्देनजर असम के नागरिकों को मिजोरम की यात्रा से बचना चाहिए।

असम के जो नागरिक मिजोरम में काम कर रहे हैं, उन्हें अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए।

जाहिर तौर पर देश के लिए ये खबरें अच्छी नहीं है। ऐसी ट्रैवल एडवाइजरी आज तक पड़ोसी दुश्मन देशों के लिए जारी होती रही हैं लेकिन अपने ही देश में ऐसा माहौल चिंताजनक भी है और दुर्भाग्यपूर्ण भी।

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