जितेंद्र त्यागी बनने के बाद वसीम रिज़वी खुद को डिप्रेशन में बता रहे हैं. डिप्रेशन इतना ज़्यादा कि वो खुदकुशी करने की बात कह रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि खुद वसीम रिज़वी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने एक वीडियो में कहा है.

कुछ वक्त पहले ही वो धर्मांतरण कर वसीम रिज़वी से जितेंद्र त्यागी बने थे, लेकिन अब वो दुखी हैं और डिप्रेशन में चले गए हैं.

उनका कहना है कि उन्हें सनातन धर्म में वो प्यार और मोहब्बत नही मिली है जैसी किसी पुराने रिश्तेदार को घर वापसी पर मिलती है.

वीडियो में भले जितेंद्र त्यागी बने वसीम रिज़वी दुखी नज़र आ रहे हो लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि वह सनातन धर्म में हैं और मरते दम तक अपने सनातन धर्म में ही रहेंगे.

उन्होंने कहाकि- जो कदम हमने उठाया है वो बहुत सोच समझकर उठाया है, बहुत से लोगों ने मुझसे फोन पर यह बात की कि सनातन धर्म में जाकर आपको क्या मिला.

मैं समझता हूं कि उस वक्त आतंकी गतिविधियों और इस्लामिक जिहाद से और इस्लाम में बच्चो को दी जा रही कट्टरपंथी शिक्षा और इस्लामिक क्रूरता से मैं परेशान था.

इस्लाम को निशाना बनाते हुए और सनातन धर्म की तारीफ करते हुए जितेंद्र त्यागी ने कहाकि 1400 साल पहले पता नहीं कितनी नस्लों के बाद हम अपने घर वापस हुए और घर वापसी करके हमने सनातन धर्म को कुबूल किया क्योंकि सनातन धर्म, महादेव, श्रीराम, देवी देवता, भगवान श्रीकृष्ण और खासतौर से हिंदू संस्कित से हम पहले से ही प्रभावित थे.

जितेंद्र त्यागी भले ही हिंदू धर्म में वापसी पर प्यार और सम्मान नहीं मिलने से दुखी हों लेकिन उन्होंने हिंदू समाज के रवैये और विचारों की जमकर तारीफ़ की और कहाकि वो पहले से हिंदू धर्म से प्रभावित थे इसलिए उन्होंने घर वापसी की.

डिप्रेशन की बात करते हुए जितेंद्र त्यागी ने कहाकि उनकी ज़िंदगी का कोई ठिकाना नहीं है. दुश्मनों से मरने से बेहतर मैं ये फैसला करूं कि मैं अपने जीवन को खुद समाप्त कर लूं, लेकिन मैं सनातन में हूं और मरते दम तक सनातन धर्म में ही रहूंगा.

हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब जितेंद्र त्यारी बने वसीम रिज़वी ने आत्महत्या करने की बात कही हो, इससे पहले उन्होंने कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बने तो वो आत्महत्या कर लेंगे.

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