बिहार में इस बार के विधानसभा चुनाव में भले ही एनडीए की जीत हुई हो। लेकिन राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बनकर उभरी है। दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी है।

इस बार लोगों ने जनता दल यूनाइटेड के नेताओं को वोट ना देकर यह साबित कर दिया है कि वह नीतीश कुमार को अपना नेता नहीं सुनना चाहते। लेकिन भाजपा ने एक बार फिर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद पर बिठा दिया है।

इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार की जुगलबंदी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

यशवंत सिन्हा का कहना है कि नीतीश कुमार इस बार राज्य के लिए सिर्फ दिखावे के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने इशारों ही इशारों में यह कह दिया है कि भाजपा न अपने दोस्तों और न ही दुश्मनों की सगी है।

उनका कहना है कि भाजपा अपने दोस्तों और दुश्मनों को तब तक नहीं छोड़ती है। जब तक तो वह पूरी तरह से निर्जीव या खत्म नहीं हो जाते।

इस मामले में यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि नीतीश कुमार इसके ताजा उदाहरण हैं। वह सीएम होंगे लेकिन केवल नाम के।

गौरतलब है कि एक दावे के अनुसार नीतीश कुमार ने इस बार मुख्यमंत्री बनने से इनकार किया था लेकिन सहयोगी दलों के आग्रह पर वह एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने को तैयार हो गए हैं।

दरअसल इस बार के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है। जिसके चलते नीतीश कुमार यह जता रहे थे कि इस बार राज्य का मुख्यमंत्री भाजपा का ही कोई नेता बने।

माना जा रहा है कि नीतीश कुमार पर दांव खेलने के पीछे भाजपा की कोई बड़ी रणनीति है।

इससे पहले एनडीए की संयुक्त बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से गठबंधन के विधानमंडल दल का नेता चुना गया था।

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