पीएम मोदी पहले एक नारा दिया करते थे, न खाउंगा न खाने दूंगा.. इस नारे का क्या हाल हुआ ये तो सबको पता है लेकिन लगता है कि मोदी सरकार ने एक और नया नारा गढ़ दिया है, न सेवा करेंगे और न करने देंगे।

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में दो चेहरों ने कोरोना पीड़ितों की खूब मदद की। एक फिल्म अभिनेता सोनू सूद और दूसरे यूथ काग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी।

देश के लोगों ने इन दोनों के सेवा भाव को खूब सराहा। श्रीनिवास बी वी कोरोना संकट में मददगार के तौर पर उभर कर सामने आए हैं।

सरकार को श्रीनिवास का यह सेवा कार्य पसंद नहीं आया और उनके पीछे पुलिस लगा दी गई। अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी से पूछताछ कर रही है।

उनसे पूछा जा रहा है कि ये जो लोगों को आप ऑक्सीजन, दवाईयां और इंजेक्शन मुहैया करवा रहे हैं, ये कहां से आ रहा है! लॉकडाउन के शिकार इतने लोगों को जो आप भोजन करा रहे हैं, वो कहां से आ रहा है? लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को जो आप घर भेज रहे हैं, वो पैसे आ कहां से रहे हैं ?

सेवा करने वाले लोगों को इस तरह से परेशान करना कहां तक जायज है? वरिष्ठ पत्रकार आदेश रावल ने ट्वीटर पर लिखा है कि श्रीनिवास से पुलिस की क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है! कहां हैं वो पत्रकार, वो विपक्षी पार्टियों के नेता और वो आम आदमी जो श्रीनिवास से ट्वीटर पर मदद मांगा करते थें !

दावा है कि श्रीनिवास की अगुवाई में देश भर के करीब 1000 कार्यकर्ता प्रतिदिन कोरोना पीड़ितों के काम में लगे हुए हैं।

अस्पताल में बेड से लेकर ऑक्सीजन और प्लाजमा का प्रबंध कर अब तक श्रीनिवास ने हजारों जिंदगियां बचाने का काम किया है।

इतना ही नहीं लॉकडाउन की वजह से परेशान लोगों के लिए श्रीनिवास की टीम फूड पैकेट, सूखा राशन वगैरह सब प्रबंध कर रही है। दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में जाकर मरीजों और उनके परिजनों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं।

सरकार को तो ऐसे लोगों को कोरोना वॉरियर के तौर पर सम्मानित करना चाहिए था लेकिन श्रीनिवास चूंकि यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो राजनीतिक विरोध के चलते उन्हें मोदी सरकार फंसा रही है। सरकार की ऐसी तुच्छ राजनीति का चौतरफा विरोध हो रहा है।

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