उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक मुस्लिम सब्जी विक्रेता की उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कोरोना कर्फ्यू के उल्लंघन करने के मामले में इतनी पिटाई की गई। जिससे सर में चोट लगने की वजह से उसकी मौत हो गई।

इस घटना की सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि फैजल हुसैन को बुरी तरह से घसीट कर लाया जा रहा है।

इस दौरान वह कई बार गिरता है। बताया जाता है कि फैजल की हत्या के मामले में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है।

इस मामले में लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि जो दर्दनाक और इंसानियत को शर्मसार करने वाला वाकया उन्नाव में हुआ है।

ये उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की मुसलमानों से नफरत की और उत्तर प्रदेश पुलिस के क्रिमिनल बिहेवियर की जीती जागती मिसाल है।

उन्नाव में 17 साल के एक गरीब मुसलमान लड़के को मार मार कर उसकी जान ले ली। यह इस बात को बताता है कि इन क्रिमिनल पुलिस के अफसरों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पूरी सपोर्ट है।

उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार मुसलमानों के प्रति नफरत फैला रही है। योगी सरकार ने बीते 4 सालों में राज्य के मुसलमानों पर जुल्म की इंतेहा करती है।

News 18 की एक खबर के मुताबिक, न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘अगर लड़के का नाम फैसल नहीं होता और उसका नाम विवेक तिवारी जैसा कोई हिंदू नाम होता, तो योगी आदित्यनाथ की सरकार परिवार से माफी मांगती. साथ ही मृतक परिवार के सदस्यों को तुरंत अनुग्रह राशि जारी करती।

हम डिमांड करते हैं कि फैसल के इस कत्ल के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न सिर्फ उन पुलिस अफसरों को सस्पेंड करें। इसके साथ ही पीड़ित परिवार के लिए 25 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान करें।

लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैला चुकी है।

उन्होंने कहा है कि या तो इस लॉकडाउन में दलित और मुसलमान कोरोना से मर जाएंगे या पुलिस की मार से।

सीएसडीएस का एक डाटा बताता है कि उत्तर प्रदेश के 56 फीसदी पुलिस वाले मुसलमानों से नफरत करते हैं। मुसलमानों को क्रिमिनल समझा जाता है। यह एक जीता जागता सबूत है कि योगी सरकार में मुसलमानों पर किस तरह से जुल्म हो रहा है। ह से जुल्म हो रहा है।

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