उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रही तकरीबन 160 महिलाओं के ख़िलाफ़ पुलिस ने केस दर्ज किया है। जिन महिलाओं के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है, उनमें मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटियां भी शामिल हैं।
पुलिस ने मुनव्वर राना की बेटियों सुमैया और फौज़िया पर निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया है। बेटियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए जाने पर मुनव्वर राना ने कड़ा ऐतराज़ जताते हुए कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनकी बेटियों सुमैया और फौजिया पर धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा तोड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। मगर वह ये भी बताएं कि इसी निषेधाज्ञा की धज्जियां उड़ाकर आज लखनऊ में रैली करने वाले गृह मंत्री अमित शाह पर कब मुकदमा होगा।
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बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में मंगलवार को लखनऊ के बंगला बाजार स्थित रामकथा पार्क में रैली को संबोधित किया। उनकी रैली ऐसे समय में हुई जब शहर में धारा 144 लागू है। अमित शाह की इसी रैली का हवाला देते हुए मुनव्वर राना ने अपनी बेटियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए जाने पर सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार की नजर में शाह का रैली करना जायज है तो जाहिर है कि पुलिस की कार्रवाई सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहीं उनकी बेटियों और तमाम मुल्जिम महिलाओं और लड़कियों के साथ नाइंसाफी है।
राना ने कहा कि यह तो वही हुआ कि जब किसी शहर में कोई ‘शाह’ आता है तो फकीरों के बेटे—बेटियां बंद कर दिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां की सरकार कहती है उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश है, यहां सब ठीक है। अगर यहां सब ठीक है तो धारा 144 क्यों लगाया गया।
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उन्होंने बीजेपी सरकार पर शायराना अंदाज़ में हमला बोलते हुए कहा, “एक आंसू भी हुकुमत के लिए खतरा है… तुमने देखा नहीं आंखों का समंदर होना…”। राना ने कहा, “जिस दिन ये आंसू समंदर हो जाएंगे उस दिन बड़ी-बड़ी पार्टियां इसमें बह जाएंगी। हिटलर और चंगेज़ भी इसी में बह गए”।
बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध में लखनऊ के घंटाघर में हो रहे प्रदर्शन के मामले में पुलिस ने सोमवार को 24 नामजद और 140 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया । पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ़ के ख़िलाफ़ ‘दंगा करने’ और ‘गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने’ के तीन केस दर्ज किए हैं। घंटाघर के सामने पिछले चार दिनों से महिलाए अपने बच्चों के साथ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।