भारत में अगर कोई सरकार या उनकी नीतियों के खिलाफ बोलता है, तो उसे देशद्रोही करार दिया जाता है. यहाँ तक कि अगर कोई दीपिका की तरह बयान नहीं भी देता, तब भी भाजपा का आई-टी सेल उसके पीछे पड़ जाता है.
शायद भाजपा समर्थकों को अपने नए ‘शिकार’ मिल गए हैं- आईएमएफ (IMF) और गीता गोपीनाथ. ऐसा इसलिए क्योंकि आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ के मुताबिक भारत आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा है और इसका असर दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है.
IMF चीफ ने GDP आकलन पर जताया संदेह, आंकड़ों में हेरफेर कर विकास दिखाना चाहते हैं मोदी?
कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ का कहना है, “IMF के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था की मंदी का सबसे बड़ा कारण भारतीय मंदी है। 2018 में GDP विकास दर जो 6.8% थी, वह 2019 में 4.8% रहने की उम्मीद है। इसका प्रमुख कारण NBFC (IL&FS घोटाला) का विफल होना और देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन है।क्या अब सरकार IMF को भी देश द्रोही करार देगी?”
IMF के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था की मंदी का सबसे बड़ा कारण भारतीय मंदी है। 2018 में GDP विकास दर जो 6.8% थी, वह 2019 में 4.8% रहने की उम्मीद है। इसका प्रमुख कारण NBFC (IL&FS घोटाला) का विफल होना और देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन है।क्या अब सरकार IMF को भी देश द्रोही करार देगी? pic.twitter.com/iXY0SVOf3C
— Prof. Gourav Vallabh (@GouravVallabh) January 21, 2020
पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं. उनका कहना है कि आईएमएफ और गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्री ‘हमला’ कर सकते हैं, उन्हें तैयार रहना चाहिए. चिदंबरम के मुताबिक आईएमएफ द्वारा दिया गया 4.8 प्रतिशत के विकास दर का आंकड़ा “विंडो ड्रेसिंग” के बाद आया है. अगर ये और भी कम हो जाता है तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा।
Even the 4.8 per cent is after some window dressing. I will not be surprised if it goes even lower.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 21, 2020
दरअसल, आईएमएफ ने सोमवार को इस वित्तीय वर्ष के लिए भारत की आर्थिक विकास दर को कम करके 4.8 प्रतिशत कर दिया. अक्टूबर में आईएमएफ ने भारत की विकास दर को 6.1 प्रतिशत तक आंका था. मैसूर में जन्मी गीता गोपीनाथ ने इंडिया टुडे को बताया कि भारत की मंदी का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर 80 प्रतिशत तक का असर हो रहा है.
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि गिरती अर्थव्यवस्था को सरकार संभल नहीं पा रही है. इस सच को दुनिया के सामने लाने के लिए भाजपा समर्थक आईएमएफ और गीता गोपीनाथ से “बदला” ले सकते हैं.