सिद्धार्थ रामू 

महाबली बलात्कारियों को बलात्कारी साबित करना नामुमकिन सा क्यों है? संदर्भ चिन्मयानंद

चिन्मयानंद पर अब तक बलात्कार का एफआईआर दर्ज न होना इस तथ्य का खुला सबूत है कि इस देश में महाबली बलात्कारियों को सजा दिलाना तो दूर की बात है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना भी नामुमकिन सा है।

चिन्मयानंद के महाबली होने के निम्न आधार हैं-

पहला इस देश में नेता होते ही कोई व्यक्ति ताकतवर हो जाता है। चिन्मयानंद तो इस देश की ही नहीं दुनिया की सबसे शक्तिशाली पार्टी के न केवल नेता है, बल्कि सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। वे ऐसी पार्टी के नेता है, जिसे देश के विशाल मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है और केंद्र एवं देश की विभिन्न राज्यों में जिसकी सरकारें हैं।

चिन्मयानंद की जगह कोई मौलाना होता तो ये भक्त पत्रकार सवाल भी पूछते और मुहीम भी चलाते

चिन्मयानंद उस आरएसएस से जुड़े हैं, जो इस समय देश ही नहीं दुनिया का सबसे शक्तिशाली संगठन है और जिसके सैकड़ों अनुषांगिक संगठन एवं करोड़ों कार्यकर्ता हैं। चिन्मयानंद मोहनभागवत के साथ खाना खाते हैं।

चिन्मयानंद रामजन्मभूमि आंदोलन के बड़े नेता है। अवैधनाथ, अशोक सिंहल के बाद सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं और उन्हें रामभक्तों का विशाल समर्थन प्राप्त है।

चिन्मयानंद हिंदुत्व के सबसे बडे़ चेहरों में से एक है और इस समय देश में हिंदुत्व का वोलबाला है।

चिन्मयानंद का देश के सबसे ताकवर प्रधानमंत्रियों में से एक मोदी जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी और भाजपा के अन्य बड़े नेताओं से घनिष्ठ निजी रिश्ते हैं।

चिन्मयानंद इस उस मुमुक्ष आश्रम के मुखिया हैं, जिसके पास अरबों की संपत्ति है।

हम सभी जानते हैं कि पुलिस, एटीएस और सीबीआई जैसी संस्थाएं भी हमारे देश में सत्तारूढ़ पार्टियों के इशारे पर चलती हैं और वही करती हैं, जो ये पार्टियां और उनके नेता चाहते हैं।

भारत की मुख्य धारा की ताकतवर मीडिया का अधिकांश हिस्सा चुप्पी साधकर चिन्मयानंद के साथ खड़ा है।

इतने ताकतवर महाबली के खिलाफ एक लड़की कमोवेश अकेले खड़ी है। सच तो यह है कि बलात्कार की शिकार एक लड़की का सामना भारत की ताकवर सत्ताओं के गठजोड़ के साथ है। हो सकता है,एफआईआर किसी तरह दर्ज भी हो जाए, कुछ दिनों के लिए चिन्मयानंद जेल भी चले जाए।

पीड़िता बोली- अबतक चिन्मयानंद की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई, क्या सरकार मेरे मरने का इंतजार कर रही है?

लेकिन देश की लड़कियों को यह संदेश तो दे ही दिया गया है कि महाबली बलात्कारियों के खिलाफ खड़े होना अपनी, अपने परिवार और शुभेच्छुओं के जान को खतरे में डालना है। सेंगर का मामाला जीवन्त उदाहरण है।

फिर भी देश की लड़कियां जान जोखिम में डालकर आसाराम बापूओं, राम-रहीमों, सेंगरों और चिन्मयानंदों के खिलाफ खड़ी हो रही हैं।

मेरी बहादुर बेटियों मैं तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर सकता, लेकिन तुम्हारे साहस को सलाम करता हूं।

(इस लेख को सिद्धार्थ रामू के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है )

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