कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकारी नौकरियों में नियुक्तियों और पदोन्नतियों में आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा आरक्षण को ख़त्म करना चाहती है। प्रियंका ने ट्वीट करके कहा कि,
“भाजपा का आरक्षण ख़त्म करने का तरीका समझिए। आरएसएस वाले लगातार आरक्षण के खिलाफ बयान देते हैं। उत्तराखंड की भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील डालती है कि आरक्षण के मौलिक अधिकार को ख़त्म किया जाए।
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उत्तर प्रदेश सरकार भी तुरंत आरक्षण के नियमों से छेड़छाड़ शुरू कर देती है। भाजपा ने पहले दलित आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ बने कानून को कमजोर करने की कोशिश की। अब संविधान और बाबासाहेब द्वारा दिए बराबरी के अधिकार को कमजोर का रही है।”
भाजपा का आरक्षण खत्म करने का तरीका समझिए
1. आरएसएस वाले लगातार आरक्षण के खिलाफ बयान देते हैं।
2. उत्तराखंड की भाजपा सरकार #सुप्रीमकोर्ट में अपील डालती है कि आरक्षण के मौलिक अधिकार को खत्म किया जाए ..1/2https://t.co/TR4IvBFwX7
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 10, 2020
प्रियंका गांधी की टिपण्णी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी और प्रमोशन में आरक्षण पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के लिए कोटा और आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्यों को कोटा प्रदान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और राज्यों को सार्वजानिक सेवा में कुछ समुदायों के प्रतिनिधित्व में असंतुलन दिखाए बिना ऐसे प्रावधान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। इस फैसले से एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग प्रभावित होगा।
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कोर्ट के इस फैसले के पीछे बीजेपी सरकार का हाथ होने का आरोप लगाकर एक सुर में राजनीतिक दल इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और कांग्रेस, सपा, आरजेडी समेत कई दलों के नेता तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने भी इस फैसले पर कहा कि, “सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान के खिलाफ है।”