कल यानी 20 दिसम्बर को कोर्ट से पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा की इजाज़त मिलने से फूले नहीं समा रही बीजेपी को आज कलकत्ता हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है।
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस वाली बेंच ने आज रथयात्रा पर रोक लगा दी है।
ग़ौरतलब है कि 20 दिसम्बर को कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने बीजेपी को राज्य में रथयात्रा निकालने की परमिशन दी थी। कोर्ट के इस आदेश को सूबे की ममता बनर्जी सरकार ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के डिवीजन बेंच के सामने चुनौती दी थी।
जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रथयात्रा पर फिलहाल पाबंदी लगा दी है। डिवीजनल बेंच ने फिर से विचार के लिए मामला सिंगल बेंच के पास भेज दिया है।
फ़ैसले पर राज्य बीजेपी ने कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।
ममता सरकार की दलील थी कि अमित शाह की रथयात्रा से राज्य का मज़हबी सौहार्द बिगड़ सकता है, ऐसा राज्य खुफ़िया एजेंसियों की इनपुट है।
इसी आधार पर चीफ़ जस्टिस की बेंच ने मामले को फिर से सिंगल बेंच के पास पुनर्विचार करने के लिए भेज दिया और रथयात्रा पर रोक लगा दी।
कल रथयात्रा की इजाज़त मिलने से गदगद थी बीजेपी-
20 दिसम्बर को कलकत्ता हाईकोर्ट की ही सिंगल बेंच ने ममता बनर्जी को नसीहत देते हुए राज्य में बीजेपी की 3 रथयात्राओं को अनुमति दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रशासन से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि, क़ानून-व्यवस्था कहीं भंग न हो।
कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी का उत्साह सातवें आसमान पर था। पार्टी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने फ़ैसले पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए ट्वीटर पर लिखा था कि हमें यक़ीन था कि न्याय मिलेगा-
यहाँ जानें पूरा मामला-
बंगाल में कूच बिहार से निकलने वाली गणतंत्र बचाओ यात्रा का शुभारंभ 7 दिसम्बर को बीजेपी अध्यक्ष हरी झंडी दिखाकर करने वाले थे। लेकिन अदालत की एक एकल पीठ ने इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था।
फिर 7 दिसम्बर को खंडपीठ ने राज्य को मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक से ये कहा था कि वो बीजेपी के 3 प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके 14 दिसम्बर तक यात्रा पर कोई निर्णय लें। बैठक के बाद राज्य सरकार ने साम्प्रदायिक सौहार्द का हवाला देते हुए रथयात्रा की इजाज़त नहीं दी।
जिसके बाद बीजेपी ने कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी जिसकी सुनवाई करते हुए 20 दिसम्बर को कोर्ट की सिंगल बेच ने बीजेपी को रथयात्रा की अनुमति दे दी।
जिसके ख़िलाफ़ राज्य सरकार ने चीफ़ जस्टिस की बेंच में अपील किया और 21 दिसम्बर को कोर्ट ने यात्रा की परमिशन देने से इंकार करते हुए सिंगल बेंच से फ़ैसले पर फिर से विचार करने को कहा।