जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पहली बार किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने की इजाज़त दी गई। यूरोपीय संघ के 28 सांसद कश्मीर के हालात का जायज़ा लेने पहुंच गए हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने इस दौरे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- जो प्रधानमंत्री पाकिस्तान की ISI चीफ को कश्मीर बुला कर भारतीय सैन्य अड्डे की जॉच उनसे करवा सकता है वो कितना राष्ट्रप्रेमी है, आप ख़ुद अंदाज़ा लगा सकते है।
जो प्रधानमंत्री पाकिस्तान की
ISI चीफ को कश्मीर बुला कर
भारतिय सैन्य अड्डे की जॉच उनसे करवा सकता है
वो कितना राष्ट्रप्रेमी है
आप ख़ुद अंदाज़ा लगा सकते है https://t.co/s8saViW8JQ— Akhilesh P. Singh (@AkhileshPSingh) October 29, 2019
बता दें कि यूरोपीय संघ के सांसदों को कश्मीर दौरे की अनुमति केंद्र की मोदी सरकार ने दी है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय दल कश्मीर जा रहा है। इससे पहले देश या विदेश के किसी भी नेता को कश्मीर जाने की इजाज़त नहीं थी। किसी भी नेता को कश्मीर जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती थी।
लेकिन अब केंद्र सरकार ने यूरोपीय संघ को कश्मीर जाने की अनुमति देकर नया सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। देश के कई बड़े नेता इस बात पर आपत्ति जता रहे हैं कि जब उन्हें कश्मीर जाने की इजाज़त नहीं दी गई तो फिर विदेशी नेताओं को किस आधार पर अनुमति मिल गई।
विदेशी सांसदों को मोदी सरकार ने कश्मीर जाने की दी इजाज़त, क्या देश में अमन का फैसला विदेशी करेंगे?
ग़ौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का आरोप लगाते रहे हैं। वह विदेश के कई मंचों से ये बात दोहरा चुके हैं कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दख़ल देने की ज़रूरत नहीं।
अब ख़ुद पीएम मोदी ने यूरोपीय संघ को कश्मीर के हालात का जायज़ा लेने की अनुमति दे दी है। ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि क्या इससे कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं होगा?